Motihari: वरीय संवाददाता,मोतिहारी. भारत-नेपाल सीमावर्ती रक्सौल शहर में वर्षों से चीर-प्रतिक्षित रक्सौल हवाई अड्डा हवाइ उड़ान की उम्मीद सार्थक होती दिख रही है, जहां 139 एकड़ जमीन अधिग्रहण के साथ भुगतान की भी प्रक्रिया आरंभ होने वाली है. विभाग का कहना है कि चार सितंबर को अंतिम दावा-आपत्ति के बाद अगले सप्ताह अधिघोषणा जारी कर दी जाएगी. इसके बाद रैयतों के भुगतान की भी प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी. मिली जानकारी के अनुसार एयरपोर्ट के लिए करीब 220 एकड़ जमीन पहले से है. विस्तार के लिए 139 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पर इस सप्ताह अंतिम मोहर लग जाएगी. इसमें छह मौजा है, भरतमही, एकडेरवा, सिंहपुर, चिकनी, चंदुली, सिसवा आदि शामिल है. जिनके कुल रैयतों की संख्या करीब 600 है. अर्जनाधीन भूमि का छह सदस्यीय समिति से दर का निर्धारण करा लिया गया है. भूमि का श्रेणी भी छह सदस्यीय टीम ने निर्धारित की है, जिसके आधार पर श्रेणीवार भुगतान की प्रक्रिया आरंभ होगी. सामाजिक प्रभाव आंकलन ए एन सिन्हा, सामाजिक अध्ययन संस्थान पटना द्वारा किया गया, जिन्हें फीस के तौर पर करीब नौ लाख 51 हजार रुपया दिया गया है. शेष भुगतान के लिए करीब 600 रैयतों को श्रेणीवार विभक्त किया गया है. रैयतों के बीच करीब 227 करोड़ का भुगतान किया जायेगा.
भारत-नेपाल में बढ़ेगा व्यापार
रक्सौल में हवाई उड़ान के साथ दिल्ली, पटना, चेन्नई, मुम्बई जाने के लिए मोतिहारी, बेतिया, रक्सौल व पड़ोसी देश नेपाल के लोगों को सुविधा मिलेगी. वहीं व्यवसायियों के आवागमन से व्यापार को भी प्रोत्साहन मिलेगी. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी द्वारा मोतिहारी कृषि मेला में यह भी घोषणा की गयी कि मुजफ्फरपुर व रक्सौल हवाई अड्डा का शीघ्र टेंडर होगा और मोतिहारी में नये हवाइ अड्डा का निर्माण होगा. उपमुख्यमंत्री ने हवाई अड्डा के लिए विधायक प्रमोद कुमार, सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह के पहल की सराहना की भी की थी.
मौजा का नाम रैयत की संख्या
भरतमही 74एकडेरवा 119सिंहपुर 54चिकनी 29चंदुली 143सिसवा 231डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

