Motihari: बंजरिया. प्रखंड अंतर्गत सभी 12 पंचायतों में बाढ़ के पानी से सैकड़ों एकड़ से अधिक धान की फसल बर्बाद हो गयी है. किसानों ने सरकार और प्रशासन से जल्द कार्रवाई कर उचित मुआवजे की मांग की है. किसानों के सामने यह समस्या सिकरहना ( बूढ़ी गंडक) तिलावे, दुधौरा व बंगरी नदी के उफान पर आने के कारण आयी है, जिससे क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान हुआ है. इलाके के सभी गांव के किसानों की धान, गन्ना सहित अन्य फसल भी नष्ट हो गयी है. किसानों की धान की फसल अभी भी पानी में डूबी है और वही गांव के रास्ते पर दो फुट पानी बह रहा है. वहीं, जहां-जहां बाढ़ का पानी घट गया है, फसलों के सड़ने से दुर्गंध आने लगी है, जिससे लोगों की परेशानी और बढ़ गयी है. बीते सप्ताह मुखिया संघ का एक शिष्टमंडल ने डीएम सौरभ जोरवाल से मिलकर एक ज्ञापन सौंप बंजरिया प्रखंड को बाढ़ग्रस्त घोषित करते हुए क्षति हुई फसलों की किसानों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है. फुलवार निवासी किसान मुन्ना सिंह, अजगरी निवासी दिलीप सिंह, दीपक सिंह, विकास गुप्ता, सबीर आलम, अवध पटेल, संतोष सिंह, आनंद प्रकाश ने बताया कि पिछले दिनों हुई भारी बारिश व नदियों के उफान से आयी बाढ़ ने उनकी तैयार फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. जलजमाव घटने के बाद धान की फसलों में काफी नुकसान देखा जा रहा है, जो बची भी है वह बदरंग हो गयी है. बताया कि हर साल बाढ़ आने से उनकी फसलें बर्बाद हो जाती है, लेकिन किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिलता है. किसानों ने सरकार से पीड़ित किसानों को तत्काल मुआवजा देने की अपील की है. उन्होंने स्थानीय प्रशासन से भी केवल सर्वे रिपोर्ट बनाने के बजाय जमीनी स्तर पर ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है, ताकि हर साल होने वाले इस भारी नुकसान से किसानों को राहत मिल सके. क्या कहते हैं अधिकारी सीओ रोहन रंजन सिंह ने बताया कि फसल क्षति का आकलन करके वरीय अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जायेगी. वरीय अधिकारियों के निर्देश के बाद अग्रतर कार्रवाई की जाएगी.
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