संग्रामपुर. संग्रामपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने गए एक मरीज को खांसी और छाती में दर्द की समस्या थी. लेकिन जांच के बाद उसे कुत्ता काटने का सुई लगा दिया. अगले दिन जब उसे राहत नही मिली तो एक बार फिर से वह सीएचसी पहुचा तो पुर्जा दिखाने के बाद अस्पताल के किसी कर्मी ने कहा कि कुत्ता काटने का सुई लगा दिया गया है, जिसे सुनकर मरीज को माथे पर पसीना आ गया. उक्त इंजेक्शन का उसके स्वास्थ पर बुरा असर नहीं पड़े इसके लिए वह सरकारी अस्पताल से मिली इलाज पर्ची को लेकर इधर उधर भटक रहा हैं.मामला प्रखंड मुख्यालय के पूर्वी संग्रामपुर पंचायत के दलित बस्ती के रामकिशुन राम का बताया गया हैं.बताया जाता हैं कि वह पिछले शुक्रवार को संग्रामपुर सीएचसी में अपना इलाज कराने गया था जहां उसके साथ यह घटना घटित हुई .पीड़ित मरीज रामकिशुन राम ने बताया कि वह अस्पताल जाकर जांच कर रहे चिकित्सक से अपनी समस्या बताया तो उसे पहले सरकारी स्तर पर अस्पताल में पुर्जा कटाने के लिए कहा गया .काउंटर पर जाकर पुर्जा कटाया.उसके बाद उन्हें सुई दिया गया. घर आने के बाद अगले दिन तक कोई राहत नहीं मिली तो वे शनिवार को फिर सीएचसी पहुचा. जहां एक परिचित स्वास्थ्य कर्मी से कहा कि सुई से खांसी और सीने के दर्द में कोई अंतर नहीं पड़ रहा है. तब उसने पुर्जा देखा तो कहा कि आपको कुत्ता काटने का सुई लगा दिया गया है.उन्होंने इसकी जानकारी पुर्जा सहित प्रमुख प्रतिनिधि नितेश कुमार को दिया. सबसे दिलचस्प यह है कि पुर्जा पर सीएचसी के नव पदस्थापित प्रभारी पंकज कुमार का इलाजकर्ता के रूप में नाम अंकित है. इस बावत डॉ. पंकज कुमार से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि मेरे खिलाफ सीएचसी में षड्यंत्र किया जा रहा है.न मैंने इस दिन किसी मरीज की जांच किया और न इलाज.अब सवाल यह उठता हैं कि जब पुर्जा पर अंकित नाम वाले डॉक्टर ने इलाज हीं नहीं किया तो आखिर कौन चिकित्सक है जो ऐसा किया यह उच्चस्तरीय जांच का मामला है.
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