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बिहार में 875 तरह की दवाएं हुई महंगी, इन बीमारियों का हो गया महंगा इलाज

एक अप्रैल से जो दवाओं के रेट में इजाफा हुआ है, वह पटना सहित पूरे बिहार के बाजारों में 15 अप्रैल तक आ जायेंगी. 20 से अधिक दवा कंपनियों ने शहर के गोविंद मित्रा रोड के दवा कंपनियों को नयी रेट से बेची जाने वाली दवाओं की सूची भेज दी है.

आनंद तिवारी, पटना. दिल, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कैंसर समेत दूसरी बीमारी से पीड़ितों के लिए चिंताजनक खबर है. बीते एक अप्रैल से जो दवाओं के रेट में इजाफा हुआ है, वह पटना सहित पूरे बिहार के बाजारों में 15 अप्रैल तक आ जायेंगी. 20 से अधिक दवा कंपनियों ने शहर के गोविंद मित्रा रोड के दवा कंपनियों को नयी रेट से बेची जाने वाली दवाओं की सूची भेज दी है. इनमें कुल 875 तरह की दवाएं शामिल हैं. नये रेट में दवाओं के दाम करीब 10 प्रतिशत तक बढ़ाये गये हैं. दवा कारोबारी तय कीमत के आकलन में जुट गये हैं.

15 दिन से बंद कर दिया था ऑर्डर की आपूर्ति करना

पटना सहित पूरे बिहार में करीब 40 हजार थोक व फुटकर दवा दुकान हैं. जानकारों की माने तो कीमतें बढ़ने की आशंका को पहले ही भांप कई दवा कंपनियों ने आपूर्ति धीमी कर दी थी. खासकर कई बड़ी दवा कंपनियों ने आपूर्ति बीते 15 दिन से ऑर्डर के बावजूद आपूर्ति नहीं की है. नतीजतन इन दिनों बाजार में ब्लड प्रेशर, दिल, पेट, हड्डी, शुगर, गठिया आदि रोग में प्रयोग होने वाली दवाओं का संकट हो गया है. मरीज छोटी व दूसरी कंपनियों की दवा खरीद रहे हैं.

इन बीमारियों का इलाज महंगा होगा

महंगी होने जा रही दवाओं में बुखार में इस्तेमाल होने वाली दवा पैरासिटामोल भी शामिल है. एजिथ्रोमाइसिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन, हाइड्रोक्लोराइड, मेट्रोनिडाजोल, फनोबार्बिटोन जैसी दवाएं भी महंगी होने जा रही हैं. मल्टी विटामिन, एनिमिया में दी जाने वाली दवाओं की कीमतों को बढ़ाने का निर्णय दवा कंपनियों की ओर से लिया गया है. वहीं त्वचा, दिल, गुर्दा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, पेन किलर, एंटी एलर्जिक, खून पता करने की दवा, टीबी, माइग्रेन, पर्किसन, डिमेंशिया, साइकोथेरेपी, हार्मोन, लिवर, पेट रोग की दवाएं भी शामिल हैं, जिनके रेट में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गयी है.

एक नजर दवाओं के कारोबार पर

  • – पूरे बिहार में 65 करोड़ की दवाओं के हर दिन का कारोबार है

  • – प्रदेश में 35000 खुदरा दवा दुकानें हैं

  • – पटना जिले में 5672 दवा दुकानें हैं

  • – 8000 हजार थोक दवा दुकान पूरे बिहार में

  • – पटना देश के टॉप 5 शहरों में दवाओं की बिक्री में शामिल है

  • – 2021-22 में 24 प्रतिशत ग्रोथ से दवाओं की बिक्री पटना में बढ़ी है

  • – पिछली साल 2021 से तीन प्रतिशत था, मतलब 21 प्रतिशत ज्यादा ग्रोथ हुआ है

क्या कहते हैं दवा एसोसिएशन के सचिव

पटना ड्रगिस्ट एवं केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव राजेश आर्या ने कहा कि औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एमपीपीए) ने करीब 875 तरह की जरूरी दवाओं के दाम बढ़ाये हैं. यह बढ़ोतरी 10.76 प्रतिशत तक है. सूचीवद्ध जरूरी दवाओं की मूल्यवृद्धि हर साल होती है. इस बार मूल्य वृद्धि अब तक की सर्वाधिक है. कंपनियों ने इसका तर्क कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि को लेकर बतायी है. क्योंकि पहले कच्चा मॉल चीन से आता था, लेकिन अब मलेशिया व स्विटरलैंड से आ रहा है. यहां से मॉल चीन के अपेक्षा कुछ महंगा पड़ रहा है. इसलिए रेट में इजाफा हो गया है.

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