19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शहादत दिवस आज : खुदीराम खुद को मार सकते थे गोली, लेकिन आंदोलन तेज करने के लिए हुए गिरफ्तार

आजादी के लिए अंग्रेजों पर पहला बम फेंकने वाले खुदीराम बोस सिर्फ क्रांतिकारी ही नहीं थे, बल्कि एक कुशल संगठनकर्ता भी थे. मात्र 19 वर्ष की उम्र में वह पूरी प्लानिंग के साथ कलकत्ता से मुजफ्फरपुर आये थे.

विनय, मुजफ्फरपुर. आजादी के लिए अंग्रेजों पर पहला बम फेंकने वाले खुदीराम बोस सिर्फ क्रांतिकारी ही नहीं थे, बल्कि एक कुशल संगठनकर्ता भी थे. मात्र 19 वर्ष की उम्र में वह पूरी प्लानिंग के साथ कलकत्ता से मुजफ्फरपुर आये थे. उनका उद्देश्य जज किंग्सफोर्ड को मारना था. इसके लिए उन्होंने पूरी योजना बनायी थी.

शहीद खुदीराम बोस पर लंबे समय तक शोध कर पुस्तक लिखने वाले पश्चिम बंगाल के अरिंधम भौमिक कहते हैं कि खुदीराम बोस चाहते, तो पकड़े जाने के बाद वह भी प्रफुल्ल चाकी की तरह खुद को गोली मार सकते थे. लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं कर खुद को गिरफ्तार होने दिया.

खुदीराम बोस का मानना था कि जब उनकी गिरफ्तारी का संदेश देशभक्तों के बीच जायेगा तो आंदोलन की गति तेज होगी. खुदीराम 1857 के बाद सुस्त पड़े आंदोलन में एक बार फिर देशभक्ति का जज्बा जगाना चाहते थे.

यही कारण है कि 30 अप्रैल, 1908 को कंपनीबाग में किंग्सफोर्ड की तरह एक बग्घी को आते देख उन्होंने बम फेंका और पूसा की ओर पैदल भागे और पकड़े गये. उन्हें पकड़े जाने का दु:ख नहीं था.

खुदीराम को अफसोस तो इस बात का था कि किंग्सफोर्ड की जगह दो यूरोपियन महिलाएं मर गयीं. खुदीराम बोस ने जेल में ही बांग्ला में आत्मकथा लिखी, जिसे उन्होंने अपने वकील कालीपद बसु को सौंप दिया था.

इसमें उन्होंने लिखा था कि उनका घर मिदनापुर के महोबनी गांव में नहीं, बल्कि मिदनापुर में है. खुदीराम बोस की आत्मकथा का यह पन्ना अलीपुर म्यूजियम में आज भी रखा हुआ है.

लता मंगेशकर से लोकार्पित कराएंगे खुदीराम बोस पर लिखी पुस्तक

अरिंधम भौमिक ने कहा कि खुदीराम बोस ने फांसी से पहले एक बार विदाई दे मां, घूरे आसी, हांसी-हांसी परबो फांसी, देखबे जोगतवासी… गीत गाया था. मैंने इसी गीत से पुस्तक की शुरुआत की है. पांच वर्षों तक खुदीराम बोस पर शोध करने के दौरान उनके रिश्तेदारों से मिला.

भौमिक ने बताया कि खुदीराम के बारे में पुराने दस्तावेजों को पढ़ने पर कई नये पहलू सामने आये. इसमें एक उनके जन्मस्थल को लेकर था. अब हिंदी में भी यह पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है. भौमिक ने कहा कि खुदीराम बोस के गीत को लता मंगेशकर ने आवाज दी है, इसलिए उनपर हिन्दी में लिखी पुस्तक के लोकार्पण के लिए उनसे अनुरोध किया है.

Posted by Ashish Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें