मधुबनी.
विश्व लिवर दिवस एक वैश्विक स्वास्थ्य सेवा के लिए हर साल 19 अप्रैल को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य आमलोगों में लिवर रोग के बारे में बताना है. विश्व लीवर दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य जागरूकता शिविर सदर अस्पताल से लेकर प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित की जाएगी. इस अवसर पर लोगों को लिवर रोग की गंभीरता, प्रारंभिक पहचान और रोकथाम के बारे में शिक्षित करने से संबंधित गतिविधियों पर केंद्रित होगी. डॉ. डीएस सिंह ने कहा कि मानव शरीर में दूसरा सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण अंग होने के कारण लिवर कई कार्य करता है. इसमें पाचन, प्रतिरक्षा, विषाक्त पदार्थों का निष्पादन और विटामिन, खनिज, ग्लूकोज आदि का भंडारण शामिल है. हालांकि लिवर में स्वयं उपचार की अनूठी विशेषता है. यह 60 से 70 प्रतिशत तक क्षतिग्रस्त होने के बाद फिर से विकसित या पुनर्जीवित हो सकता है. यकृत में किसी भी असामान्यता से गंभीर स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं.विश्व लिवर दिवस का महत्व
जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डीएस सिंह ने कहा कि विश्व में हर साल लगभग 20 लाख लोगों की मृत्यु लीवर की बीमारियों के कारण होती है. इसमें से लीवर सिरोसिस से संबंधित कारण केवल आधी है. शेष वायरल हेपेटाइटिस और हेपेटोसेलुलर (लीवर) कैंसर के कारण होते हैं. सिरोसिस और लीवर कैंसर दोनों मिलकर दुनिया भर में होने वाली सभी मौतों का 3.5 प्रतिशत हिस्सा है. लोगों को शराब से संबंधित यकृत रोग का खतरा सबसे अधिक होता है. इसके अलावे अधिक वजन वाले और मधुमेह से पीड़ित हैं. जिन्हें गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग और हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा के लिए जोखिम का कारक माना जाता है. जबकि वायरल हेपेटाइटिस का वैश्विक प्रसार अभी भी उच्च है. दवा से प्रेरित यकृत की चोट तीव्र हेपेटाइटिस का प्रमुख कारण बन रही है. 2005 की तुलना में, 2030 तक सालाना नए मामलों में 35 प्रतिशत की वृद्धि होगी. संख्या में यह वृद्धि बीमारी की गंभीरता, संबंधित जोखिम कारकों और रोकथाम के बारे में जागरुकता की कमी के कारण है. इस दिन स्वास्थ्य सेवा नीति निर्माताओं और निजी हेपेटोलॉजिस्ट एवं हेपेटो-ऑको सर्जन सहित हेपेटोलॉजिकल के विशेषज्ञ, लोगों को लीवर की बीमारी के जोखिम और आहार और जीवनशैली में बदलाव सहित इसकी रोकथाम के बारे में जागरूक करने के लिए आगे आना होगा. इसके अलावे, लोगों को लीवर की बीमारी के लक्षणों और शुरुआती पहचान के महत्व के बारे में अधिक जानने की आवश्यकता है. क्योंकि अधिकांश लीवर रोग लक्षणहीन होते हैं.स्वस्थ लिवर के लिए उपाय
मानव यकृत शरीर का विषहरण करने वाला प्राथमिक अंग है. लीवर को स्वस्थ रखने के संबंध में डॉ. डीएस सिंह ने कहा कि प्रोटीन और फाइबर से भरपूर स्वस्थ और संतुलित आहार लें. तनाव कम करने के लिए नियमित व्यायाम और ध्यान करें. शराब और धूम्रपान से दूर रहें. स्व-चिकित्सा से बचें. समय पर टीकाकरण कराएं. स्वस्थ वजन बनाए रखें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है