मधुबनी.
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी, प्राधिकार सचिव संदिप चैतन्य, सीविल सर्जन हरेन्द्र कुमार , सीजेएम प्रमोद कुमार महथा ने दीप जला कर किया. इस दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कही कि लोक अदालत आपसी समझौता के आधार पर वादों का त्वरित और सुलभ निष्पादन का उत्तम साधन है. इससे पक्षकारों को न्यायालय के जटील प्रक्रिया से नही गुजरना पड़ता है. इसमें सुलहनीय वादों का त्वरित व निःशुल्क निपटारा हो जाता है. इसमें पक्षकार ही अपने केश का अधिवक्ता होते है. इसमें न किसी का जीत होता है और न किसी कि हार होती है. वहीं सीजेएम ने कहा कि लोक अदालत के लिए लोगों को जागरूक होना होगा. आपसी सुलह से जहां लंबित सुलहनीय मामले का त्वरित निपटारा होगा. वहीं, इससे पक्षकारों के बीच सौहदर्यपूर्ण वातावरण बन जाता है. जिससे आपसी शांति बनी रहती है. प्राधिकार सचिव ने कहा कि लोक अदालत कि सबसे बड़ी खासीयत यह है कि इससे मामले का निपटारा होने के बाद अपील नही होता है. साथ ही पक्षकारों को समय और पैसा कि बचत होता है. साथ ही पक्षकारों से शांति पूर्वक अपने अपने मामले का निपटारा कराने का आग्रह किया. इस दौरान मौके पर न्यायालय प्रबंधक सरफराज आलम, लोक अदालत कर्मी सुशांत चक्रवर्ती, संतोष दत्त, संतोष निषांत, विकास कुमार, किरन कुमार , अशोक ठाकुर,राकेश कुमार मेहता , वन विभाग से राम अशीष यादव, संघ अध्यक्ष अमरनाथ झा, रामशरण साह, राहुल कुमार सहित सभी न्यायालयकर्मी उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालान संतोष निषांत ने किया.प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश लेती रहीं जायजा
शनिवार को हुए लोक अदालत में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी ने बेंचों का निरिक्षण कर जायजा लेती रही. निरिक्षण के दौरान बेंचों में मामलों के हो रहे निपटारे को लेकर जानकारी ली. साथ ही बेंच के पदाधिकारी को कई निर्देश दिए जिससे अधिक से अधिक पक्षकारों को लाभ मिल सके.500 मामलों का हुआ निबटारा
शनिवार को हुए लोक अदालत में समझौता के आधार पर कुल 500 मामलों का निपटारा किया गया . जिसमें पक्षकारों से 1 करोड़ 86 लाख 53 हजार 272 रुपये पर समझौता कर 67 लाख 63 हजार 813 रुपये वसूल किये गये. जहां बैंक से संबंधित 280 मामले सुलहनीय फौजदारी के 146 बिजली से 73 मामले समझौता के आधार पर निबटारा किया गया.बैंक के 280 मामले का हुआ निबटारा
शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से 63 मामलों का निबटरा किया गया. जहां बैंक ऋण धारकों से 62 लाख 1 हजार 456 रुपये पर समझौता कर 33 लाख 59 हजार 956 रुपये वसूल किये गये. वहीं पंजाब नेशनल बैंक ने 53 मामलों में 18 लाख 28 हजार 857 पर समझौता कर 6 लाख 79 हजार 770 रुपये वसूले गये. इंडियन बैंक में 6 मामलों का निबटारा किया गया. जिसमें पक्षकारों से 1लाख रुपये पर समझौता कर 4 हजार वसूले. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 45 मामलों में 17 लाख 55 हजार 385 रुपये पर समझौता कर 6 लाख 85 हजार 220 रुपये वसूले. वहीं, यूको बैंक से 4 मामलों में 1 लाख 60 हजार पर समझौता कर 36 हजार रुपये वसूले. बैंक ऑफ बड़ौदा से 18 मामलों में 11 लाख 15 हजार 500 रुपये पर समझौता कर ऋणधारकों से 3 लाख 27 हजार रुपये वसूल किये गये. बिहार ग्रामीण बैंक से 9 मामलों में 4 लाख 16 हजार 650 रुपये पर समझौता करते हुए 3 लाख 98 हजार 650 रूपये वसूल किये गये. वहीं, बैंक ऑफ इंडिया से 50 मामलों में 59 लाख 26 हजार रुपये पर समझौता कर 3 लाख 80 हजार वसूले गये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है