जयनगर. जयनगर प्रखंड मुख्यालय का ऐतिहासिक और प्रसिद्ध बाजार अब अतिक्रमण की चपेट में आकर अपनी पहचान खो रहा है. कभी सैकड़ों गांवों की आर्थिक गतिविधियों का केंद्र रहा यह बाजार अब अव्यवस्था और अराजकता का प्रतीक बन गया है. इस बाजार से करीब 15 पंचायतों के लोग जुड़े हुए हैं. सड़क पर बेतरतीब तरीके से दुकान लगने, ठेला और फैले व्यापारिक सामान के कारण लोग बाजार से दूरी बनाने लगे हैं. रेलवे स्टेशन चौक रोड से पटना गद्दी चौक, फिर महावीर चौक होते हुए वाटर वेज चौक तक की सड़कों पर अतिक्रमणकरियों का कब्जा है. बाजार आने-जाने वाले राहगीरों और वाहन चालकों को सड़क जाम का सामना करना पड़ता है. सुबह होते ही दुकान का सामान निकाल कर सड़क पर पांच से दस फीट तक फैला देते हैं. सड़क के दोनों किनारे पर दुकानदारों द्वारा सामान रख देने से हालत यह हो गई है कि एक रिक्शा भी ठीक से नहीं निकल पाता है. कई बार रिक्शा या ठेला चालकों का सामान गिर जाता है तो लोग विवाद करने लगते हैं. प्रखंड क्षेत्र की डोड़वार पंचायत के कुआढ़ गांव की मंजू कुमारी ने कहा कि अब लोग जयनगर बाजार आने से कतराते हैं. अतिक्रमण और भीड़ के कारण वे लदनियां देवधा जाना बेहतर समझते हैं. जयनगर राजपुताना टोल से आए कुमार राणा प्रताप सिंह ने कहा कि यह सड़क पहले 35 फीट चौड़ी थी. आज केवल 5 से 8 फीट जगह ही बचती है. जिससे आमलोगों को पैदल चलने में काफी परेशानी होती है. स्थानीय प्रशासन ने कई बार अतिक्रमण हटाने की औपचारिक कार्रवाई भी की. लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है