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Madhubani News : ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन इकाई स्थापित करने की प्रक्रिया हुई तेज

सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में ब्लड की किल्लत नहीं है. बैंक में वर्तमान में सभी ग्रूप का 70 यूनिट ब्लड उपलब्ध है.

मधुबनी.

सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में ब्लड की किल्लत नहीं है. बैंक में वर्तमान में सभी ग्रूप का 70 यूनिट ब्लड उपलब्ध है. ये बातें ब्लड बैंक के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कुणाल कौशल ने कही है.

डॉ कौशल ने कहा कि जिले के मरीजों को अब होल ब्लड के अलावे प्लेटलेट्स, प्लाज्मा, सेल, पैक्टरेड ब्लड सेल एवं क्रायो की सुविधा भी जल्द उपलब्ध होगा. इसके लिए मरीजों को दरभंगा मेडिकल कालेज या अन्य उच्च संस्थानों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन इकाई स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके तहत विभाग द्वारा फिलहाल दो अदद मशीन उपलब्ध कराया गया है. डॉ. कौशल ने कहा कि इस संबंध में कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत के निर्देश पर 50 वर्ग मीटर भूमि चिन्हित कर विभाग को भेज दिया गया है. ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन इकाई स्थापित होने के बाद मरीजों को होल ब्लड के अलावे ब्लड के कंपोनेंट भी जिला में ही उपलब्ध हो सकेगा.

सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में 70 यूनिट ब्लड उपलब्ध है. इसमें सभी ग्रूप के ब्लड शामिल है. ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. कुणाल कौशल ने कहा कि ए पॉजिटिव 16 यूनिट, बी पॉजिटिव 14 यूनिट, ओ पॉजिटिव 8 यूनिट, एबी पॉजिटिव 6 यूनिट, एबी नेगेटिव 1 यूनिट के अलावे ओ नेगेटिव 7 यूनिट ब्लड उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक बी पॉजिटिव के 44 प्रतिशत, ओ पॉजिटिव के 40 प्रतिशत, ए पॉजिटिव 8 प्रतिशत, ओ नेगेटिव 8 प्रतिशत, एबी पॉजिटिव 3 प्रतिशत एवं एबी नेगेटिव 5 प्रतिशत ब्लड ग्रूप का पाया जाता हैं. उन्होंने कहा कि नेगेटिव ब्लड ग्रूप कम रहता है. जिसके कारण ब्लड बैंक में इस ग्रूप का ब्लड कम मात्रा में उपलब्ध रहता है. कभी-कभी निगेटिव ब्लड ग्रूप का यूनिट नहीं भी भी रहता है.

सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक की ओर थैलेसीमिया मरीजों को मुफ्त में ब्लड उपलब्ध कराया जाता है. इसके बदले उन्हें ब्लड डोनेट नहीं करना पड़ता है. जिले में थैलेसीमिया के 59 मरीज हैं, जिसे ब्लड बैंक द्वारा समय-समय पर ब्लड उपलब्ध कराया जाता है. इसके अलावे एनीमिया के मरीज को भी प्रसव के दौरान होने वाली असुविधाओं में ब्लड बैंक द्वारा ब्लड उपलब्ध कराया जाता है. जबकि अन्य मरीजों को ब्लड बैंक द्वारा ब्लड तो उपलब्ध कराया जाता है लेकिन इसके बदले उन्हें ब्लड डोनेट भी करना पड़ता है. डॉ. कौशल ने कहा कि हालांकि कभी कभी छूट भैये नेता से लेकर बड़े सफेदपोश बिना ब्लड डोनेट किए मुफ्त में ब्लड की डिमांड अपने शुभचिंतकों के लिए करते हैं. जबकि ब्लड बैंक में ब्लड डोनेशन से ही प्राप्त किया जाता है. इसके बाद जरूरतमंदों को ब्लड उपलब्ध कराया जाता है. उन्होंने कहा कि जिले में रक्तदाता ग्रूप, ब्लड प्लस, रोटरी क्लब जयनगर व सम्राट अशोक रक्त सेवा समिति झंझारपुर बराबर ब्लड कैंप का आयोजन कर ब्लड बैंक को रक्त उपलब्ध कराता है. कई जनप्रतिनिधियों द्वारा भी ब्लड कैंप आयोजित कर ब्लड बैंक को ब्लड उपलब्ध कराया जाता है. इससे आम लोगों को समय से ब्लड उपलब्ध हो पाता है.

सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन इकाई की स्थापना के लिए विभागीय प्रक्रिया तेज कर दी गई है. सरकार द्वारा पहले फेज में दो मशीन को इंस्टाल किया गया है. कुछ और मशीन उपलब्ध होने के बाद ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन इकाई पूर्णतः संचालित किया जाएगा. इसके बाद जिले के मरीजों को होल ब्लड के अलावे प्लेटलेट्स, प्लाज्मा, सेल, पैक्टरेडब्लड सेल एवं क्रायो की सुविधा उपलब्ध होगी. ब्लड बैंक प्रभारी ने कहा कि वर्तमान में ब्लड बैंक से मरीजों को केवल होल ब्लड ही उपलब्ध कराया जाता है. जबकि ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन इकाई स्थापित होने के बाद होल ब्लड के अलावे प्लेटलेट्स, प्लाज्मा, सेल, पैक्टरेडब्लड सेल एवं क्रायो की सुविधा उपलब्ध होगी.

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