मधुबनी.
पिछले एक सप्ताह से मौसम की आंख मिचौनी जारी है. कभी तेज हवा के थपेड़ों के साथ बारिश लोगों को भीषण गर्मी से राहत देती है, वहीं अगले दिन तापमान का पारा बढ़ने से लोगों को भीषण गर्मी का एहसास होने लगता है. आलम यह है कि शुक्रवार को को पारा 36 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. तापमान में वृद्धि के साथ ही गर्म हवा के थपेड़े लोगों को झुलसा रही है. पिछले 5 दिनों के तापमान पर गौर करें तो सोमवार को तापमान 38 डिग्री सेल्सियस, मंगलवार को 34 डिग्री सेल्सियस, बुधवार को 30 डिग्री सेल्सियस, गुरुवार को 36.2 डिग्री सेल्सियस व शुक्रवार को 36 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा. मौसम का मिजाज कुछ दिनों तक ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में आम आदमी की परेशानी बढ़ सकती है. गर्मी का आलम यह रहा कि सदर अस्पताल के ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर शुक्रवार को को ज 374 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. चिकित्सकों ने लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है. भीषण गर्मी के कारण सदर अस्पताल में सर्दी, खांसी, बुखार एवं पेट दर्द से पीड़ित मरीजों का की संख्या भी बढ़ने लगी है. इसमें सबसे अधिक मेल ओपीडी में सर्दी खांसी, बुखार, पेट दर्द, बीपी से पीड़ित 125 मरीज, स्त्री एवं प्रसूति रोग आईपीडी गायनिक 106, आर्थोपेडिक ओपीडी में 118, आई ओपीडी में 25, चाइल्ड ओपीडी में 30 व डेंटल ओपीडी में 15 मरीज शामिल थे. मेल ओपीडी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार झा ने कहा कि भीषण गर्मी व हीटवेव से कुछ सावधानी बरतकर अपने को सुरक्षित रखा जा सकता है. चिकित्सक ने कहा कि किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर पीड़ित व्यक्ति को इलाज के लिए अपने चिकित्सक व नजदीकी अस्पताल में जाना चाहिए. ताकि समय रहते बीमारी का पता लगाकर उसका सही इलाज किया जा सके.374 मरीजों का काटा गया पर्ची
शुक्रवार को सदर अस्पताल के ओपीडी काउंटर पर 374 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें मेल ओपीडी में 125 मरीजों का इलाज डॉ. संजीव कुमार झा कुमार ने किया. डॉ. झा ने कहा कि वर्तमान समय में सर्दी खांसी बुखार व पेट दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है. ऑर्थोपेडिक ओपीडी में डॉ. रामनिवास सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में अधिकांश मरीज कमर दर्द व पेट दर्द से पीड़ित थे. गायनिक ओपीडी में डॉक्टर ने कहा कि गर्भवती महिला सहित महिला रोग से संबंधित 106 मरीजों को इलाज कर उचित सलाह दी गई. सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा हीटवेब एवं भीषण गर्मी को देखते हुए सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस सहित अन्य जीवन रक्षक दवाओं का भंडारण किया गया है. ताकि हीटवेब की चपेट में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज के साथ ही संबंधित बीमारी की दवा उपलब्ध कराया जा सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है