मधुबनी.
रोजगार, सम्मान व सुरक्षा को एक साथ जोड़ने की मंशा से लाए गए विकसित भारत – जी – राम जी योजना में महिलाओं का विशेष ख्याल रखा गया है. इस कानून के तहत कुल लाभार्थियों में महिलाओं की कम से कम एक तिहाई हिस्सेदारी सुनिश्चित की गयी है. पंजीकरण से लेकर काम आवंटन, पहचान, भुगतान, निगरानी व शिकायत निवारण तक पूरी प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से तय किया गया है. जी-राम जी ग्रामीण महिलाओं के लिए सम्मानजनक और सुरक्षित रोजगार का मजबूत मॉडल है. जी राम जी योजना में महिला प्रधान परिवारों को भी प्राथमिकता दी गयी है. ऐसे परिवारों को उन कार्यों में आगे रखा जाएगा. जिनसे भविष्य में आय के स्थायी साधन बन सके. खेत तालाब, सिंचाई संरचनाएं, भूमि सुधार, आवास और बुनियादी ढांचे से जुड़े काम न केवल तत्काल मजदूरी देंगे, बल्कि लंबे समय तक लाभ पहुंचाने वाली संपत्तियां भी तैयार करेंगे.ग्रामीण महिलाओं को मिलेगा रोजगार गारंटी कार्ड :
ग्रामीण रोजगार गारंटी के लिए जब किसी परिवार का पंजीकरण होगा तो उसके सभी वयस्क सदस्यों के नाम दर्ज किए जाएंगे. पत्नी, बेटी या परिवार की मुखिया सबका नाम दर्ज करना होगा. उन्हें अलग से आवेदन देने या दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. पंजीकरण की जिम्मेदारी भी ग्राम पंचायत की होगी, जिससे अनावश्यक भाग-दौड़ नहीं करना पड़ेगा. मजदूरी भुगतान की व्यवस्था को पूरी तरह पारदर्शी रखा गया है. मजदूरी सीधे महिला के बैंक या डाकघर खाते में भेजी जाएगी. इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और महिलाओं को अपनी मेहनत की पूरी कमाई समय पर मिल सकेगी.महिलाओं के सशक्तीकरण पर दिया गया ध्यान :
इन विशेष कार्डों की वैधता तीन वर्ष की होगी. ग्राम पंचायतों को यह भी जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह अपने क्षेत्र में रहने वाली ऐसी महिलाओं की पहचान करें, जो अकेली हैं या जिनके पास आय का कोई स्थायी साधन नहीं है. उन्हें विशेष रोजगार गारंटी कार्ड उपलब्ध कराएं. अकेली रहने वाली महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है. विधवा, परित्यक्ता और अविवाहित महिलाओं को अलग से विशेष ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्ड जारी किए जाएंगे. इन कार्डों के आधार पर उन्हें काम देने में प्राथमिकता मिलेगी.शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया भी शामिल :
शिकायत निवारण की भी व्यवस्था महिलाओं की शिकायतों का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जाएगा. गांव, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर निगरानी और सामाजिक अंकेक्षण की व्यवस्था की गई है. ताकि सुनिश्चित हो सके कि महिलाओं की हिस्सेदारी किसी भी स्तर पर एक तिहाई से कम न हो. इससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होने की उम्मीद है. कार्यस्थल पर महिलाओं की गरिमा और सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा गया है. काम के पास पीने के पानी, शौचालय, विश्राम स्थल और बच्चों की देखभाल की व्यवस्था को अनिवार्य किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

