मधुबनी.
अब शहरों की तर्ज पर जिले के 378 ग्राम पंचायतों में घर घर से कचरा उठाव किया जा रहा है. स्वच्छता अभियान फेज टू के तहत डोर टू डोर कचरा उठाव के लिए पंचायतों में स्वच्छता कर्मियों की प्रतिनियुक्ति भी कर दी गई है. इसके लिए डस्टबिन, हाथ गाड़ी और इ – कचरा वाहन की खरीदारी भी की गचप है. सात निश्चयन पार्ट-दो के निश्चय स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव के तहत लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान व स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-दो के अंतर्गत जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से प्रत्यक्ष स्वच्छता की प्राप्ति के लिए ओडीएफ-एस के साथ-साथ ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित कार्य किया जा रहा है. ग्राम पंचायतों में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए प्रति पंचायत एक वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण भी कराया गया है. लाभुकों के बीच डस्टबिन का वितरण करते हुए स्वच्छता का संदेश भी दिया गया.5173 वार्ड में बांटे गये हैं डस्टबिन
जिले के 378 ग्राम पंचायत स्थित 5173 वार्ड के 10 लाख 87 हजार 393 घरों में डस्टबिन का वितरण कर कचरे का उठाव किया जा रहा है. कचरा संग्रह के लिए सामुदायिक डस्टबिन, पैडल रिक्शा, ई-रिक्शा, सेफ्टी गियर, एप्रोन, मास्क, ग्लव्स, हेलमेट क्रय किया गया है. चिन्हित सभी ग्राम पंचायत में तय समय सीमा के अन्दर कार्य शुरू किया गया है.लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत डोर टू डोर कचरा उठाव की शुरुआत हो गई है. हर लाभुकों को हरा डब्बा और नीला डाब्बा दिया गया है. गीला कचरा के लिए हरा डब्बा और सूखा कचरा के लिए नीला डब्बा में कचरा को जमा करना है. इसके साथ ही कचरा लेने आए स्वच्छता कर्मियों को भरपूर सहयोग दिया जा रहा है. ताकि घर और आसपास के इलाके स्वच्छ रहे. जिससे आसपास में गंदगी से बीमारियां घर तक नहीं पहुंच सके. इसको लेकर आम जनता से भी सहयोग की जा रही है.
लोगों से यूजर चार्ज देने की अपील
इसके साथ ही स्वच्छता कोऑर्डिनेटर आम पब्लिक से यूजर चार्ज देने की अपील करते देखे जा रहे है. महीने में 30 रूपये और प्रत्येक दिन का 1 रूपये यूजर चार्ज देना जरूरी है. ताकि स्वच्छता कर्मियों को भी सहयोग में उन्हें मानदेय मिल सके. जिसे लेकर आम अवाम को इस पूरे क्रियाकलाप में भागीदारी होना आवश्यक है. इसके साथ ही सब को स्वच्छता का संकल्प दिलाया जा रहा है.व्यक्तिगत शौचालय का कराया गया निर्माण
लोहिया स्वच्छता अभियान के प्रथम चरण में लोगों के व्यक्तिगत शौचालय बनाए गए थे. वहीं सामुदायिक शौचालय का भी निर्माण किया गया था. जिससे लोगों को खुले में शौच की कुप्रथा से मुक्ति मिली. दूसरे चरण के अभियान में नगर की तरह गांव को भी स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए ग्रामीण स्तर पर स्वच्छता अभियान शुरू कराया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है