मधुबनी.
आंगनबाड़ी केंद्रों पर कुपोषण दूर करने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. इस बीच मधुबनी में कुपोषण दूर करने वाली संस्था की हालत चिंताजनक है. आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की उपस्थिति ही महज आधी रह गई है. ऐसे में जब बच्चे आंगनबाड़ी तक पहुंच ही नहीं रहे हैं तो उनमें कुपोषण कैसे दूर होगा. आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण कार्यक्रमों की निगरानी और मूल्यांकन के लिए पोषण ट्रैकर एप विकसित किया गया है. यह एप्लीकेशन गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के पोषण संबंधी डाटा इकट्ठा करने के साथ प्रगति को भी ट्रैक करता है. यह बच्चों की वृद्धि की निगरानी, टेक-होम राशन की डिलीवरी और आंगनबाड़ी केंद्रों पर शिक्षा को ट्रैक करने में भी मदद करता है. एप में बच्चों को पढ़ाने और गर्भवती महिलाओं को उचित देखभाल के बारे में मार्गदर्शन करने में भी मदद करता है.इन वजहों से बढ़ता है कुपोषण
कम पौष्टिक और संतुलित आहार ना खाना मुख कारण है. महिलाओं में कुपोषण अधिक देखी जाती है. कारण वे घर के कामों और जिम्मेदारियों के बीच पौष्टिक डाइट नहीं लेती हैं. जानकारी का अभाव होने के कारण लोग अलग-अलग पोषक तत्वों की अहमियत और उनकी जरूरी मात्रा के बारे में नहीं जान पाते. इसी वजह से संतुलित डाइट का सेवन नहीं कर पा रहे हैं. जिसके वजह से जन्म लेने वाले बच्चे भी कमजोर हो रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है