मधुबनी.
स्वास्थ्य विभाग एइएस व जेइ के संभावित खतरों से निपटने की तैयारी में जुट गया है. इसके लिए अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सिविल सर्जन, डीपीएम एवं कार्यक्रम पदाधिकारी को कई निर्देश दिये है. डीपीएम पंकज कुमार मिश्रा ने कहा कि एसीएस के निर्देश पर स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि चमकी बुखार व मस्तिष्क ज्वर का कुशल प्रबंधन जरूरी है. प्रारंभिक अवस्था में रोग की पहचान व इलाज से जान – माल की क्षति को कम किया जा सकता है. लिहाजा इसके लिए स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों को विशेष तौर पर सतर्क रहने की जरूरत है.अप्रैल से जून तक का महीना बेहद संवेदनशील
जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डीएस सिंह ने कहा कि अप्रैल से लेकर जून तक का महीना रोग के प्रसार के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है. यह रोग खासतौर पर 1 से 15 साल तक के बच्चों को प्रभावित करता है. कुपोषित बच्चे, वैसे बच्चे जो बिना भरपेट भोजन किये रात में सो जाते हों, खाली पेट कड़ी धूप में लंबे समय तक खेलने, कच्चे व अधपके लीची का सेवन करने वाले बच्चों को यह रोग आसानी से अपनी चपेट में ले सकता है. उन्होंने कहा कि चमकी बुखार व मस्तिष्क ज्वर के संभावित खतरों से प्रभावी तौर पर निपटने एवं इसकी रोकथाम व प्रबंधन जरूरी है. ग्रामीण स्तर पर कार्यरत एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जीविका दीदियों से इसकी जानकारी साझा करने का निर्देश दिया.रोगग्रस्त बच्चों का उचित उपचार जरूरी
सिर में दर्द, तेज बुखार, अर्ध चेतना, मरीज में पहचानने की क्षमता नहीं होना, भ्रम कि स्थिति में होना, बेहोशी, शरीर में चमकी, हाथ व पांव में थरथराहट, रोगग्रस्त बच्चों का शारीरिक व मानसिक संतुलन बिगड़ना एइएस व जेइ के सामान्य लक्षण हैं. ठीक नहीं होना मस्तिष्क ज्वर के महत्वपूर्ण लक्षण हैं. इन लक्षणों के दिखाई देने से पहले बुखार भी सकता है और नहीं भी. ऐसे मामले सामने आने पर रोग ग्रस्त बच्चों का उचित उपचार जरूरी है. लिहाजा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से लेकर सभी प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में रोग के उचित प्रबंधन के उद्देश्य से एईएस इमरजेंसी ड्रग किट की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गयी है. एईएस मच्छरों द्वारा प्रेषित इंसेफलाइटिस जिसे जापानी बुखार भी कहा जाता है, की एक गंभीर स्थिति है. जो जेइ नामक वायरस के कारण होता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

