मधुबनी.
जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों के दुर्गा मंदिरों में चैती नवरात्र में शनिवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ देवी दुर्गा की आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा-अर्चना की गयी. सुबह होते ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु नर-नारियां अपने हाथों में फूल, बेलपात, धूप-दीप, नैवेद्य से सजी डालियां निकल पड़े निकट के देवी मंदिरों व पूजा पंडालों की ओर. दुर्गा सप्तशती के पाठ व मां दुर्गा की जयकारे से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक रस से सराबोर हो रहा है. मंदिरों व पूजा-पंडालों में श्रद्धालुओं की उमड़ रही भीड़ को संभालने में पूजा समिति के सदस्य काफी मशक्कत करते दिखे. चहुंओर देवी दुर्गा की भक्ति का असर लोगों के सिर चढ़कर बोलता दिख रहा है. शहर के काली मंदिर परिसर स्थित चैती दुर्गा मंदिर, सूड़ी स्कूल परिसर स्थित पूजा पंडाल, जगतपुर स्थित चैती दुर्गा मंदिर, रहिका के दुर्गापुर स्थित चैती दुर्गा मंदिर सहित जिले के अन्य देवी मंदिरों व पूजा पंडालों में मां दुर्गा की आराधना की जा रही है.आठवें दिन देवी महागौरी की हुई आराधना
चैती नवरात्र की अष्टमी तिथि शनिवार को जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों के देवी मंदिरों व पूजा पंडालों में मां दुर्गा की आठवें स्वरूप देवी महागौरी की पूजा अर्चना की गयी. पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ देवी महागौरी की पूजा की रस्म पूरी करायी. पौराणिक ग्रंथों में कहा गया है कि निष्ठा व श्रद्धापूर्वक की गयी देवी महागौरी की आराधना सदा कल्याणकारी होता है. मां महागौरी की पूजा करने से लोगों की मनोकामनाएं पूरा होने के साथ साधु-संतों को भी सिद्धि की प्राप्ति होती है. धरती पर उनका अवतरण राक्षसों का नाश करने के लिए हुआ था. वे सदा अपने भक्तों के हृदय में निवास करती है.देवी दुर्गा की खोईंछा भरने उमड़ी महिलाओं की भीड़
देवी दुर्गा की खोईंछा भरने के लिए शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र के देवी मंदिरों व पूजा पंडालों में शनिवार को देवी दुर्गा की खोईंछा भरने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी. महिलाओं ने निष्ठापूर्वक मां दुर्गा की खोईंछा भर अपने सकल परिवार के कल्याण के लिए प्रार्थना की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है