विरोध. संविदारत पारामेडिकल कर्मियों की हड़ताल शुरू
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सदर अस्पताल व पीएचसी में ऑपरेशन व एक्स-रे ठप
विरोध. संविदारत पारामेडिकल कर्मियों की हड़ताल शुरू तीन सूत्री मांग की पूर्ति होने तक हड़ताल को जारी रखने की चेतावनी मधुबनी : संविदारत पारामेडिकल कर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल बुधवार से प्रारंभ हो गया. कर्मियों के हड़ताल पर जाने से सदर अस्पताल समेत जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में शल्य सेवा सहित कई कार्य प्रभावित हो […]
तीन सूत्री मांग की पूर्ति होने तक हड़ताल को जारी रखने की चेतावनी
मधुबनी : संविदारत पारामेडिकल कर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल बुधवार से प्रारंभ हो गया. कर्मियों के हड़ताल पर जाने से सदर अस्पताल समेत जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में शल्य सेवा सहित कई कार्य प्रभावित हो गया है. हड़ताल में बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अंतर्गत संचालित अनुबंधित पारामेडिकल संघर्ष समिति के निर्णय के आलोक में ओटी सहायक, लैब टेक्नीशियन, इसीजी, ड्रेसर व फर्मासिस्ट कर्मी 19 अप्रैल से अनिश्चित कालीन पर हड़ताल में चले गये हैं.
ये कार्य होंगे प्रभावित. अनुबंध पर काम कर रहे पारामेडिकल कर्मियों के अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने के बाद सदर अस्पताल सहित पीएचसी का शल्य कार्य प्रभावित होगा. जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल में एक ओटी असिस्टेंट मिथिलेश कुमार कार्यरत है. इसके अलावा लैबोरेटरी टेक्नीशियन के हड़ताल पर जाने से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंडौल, खजौली, कलुआही, जयनगर, भगवतीपुर, सकरी, सरिसोपाही, राजनगर, लौकहा, खुटौना, लदनियां, झंझारपुर, लौकही, अंधराठाढी, लखनौर, घोघरडीहा सहित अनुमंडलीय अस्पताल व रेफरल अस्पताल के एक्सरे, इसीजी, पैथोलॉजी सहित कई कार्य बाधित होंगे.
ये हैं मांगें. संविदारत कर्मियों की तीन सूत्री मांगों में संविदा पर कार्यरत पारामेडिकल, नर्सिंग कर्मियों की सेवा भूतलक्षी प्रभाव से नियमित किया जाय. सामान कार्य के बदले समान वेतन लागू करते हुए संविदा पर कार्यरत कर्मियों की सेवा सावधि विस्तार एक मुश्त 60 वर्ष तक चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सक शिक्षकों की तरह किया जाय. नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया में सामान्य प्रशासन के संकल्प संख्या 2378 दिनांक 16 जुलाई 2007 की संशोधित कंडिका 07 को लागू किया जाय शामिल है.
जिले के ये कर्मी रहेंगे हड़ताल पर
ओटी सहायक सदर मिथिलेश कुमार, लेवोरेटरी सहायक राजेश कुमार, श्याम सुंदर साहु, जय नारायण कुमार सिंह, सत्य नारायण पासवान, वसीम अंसारी, शंभू नाथ ठाकुर, जलील राजन झा, ओम प्रकाश, अमर नाथ, लाल बाबू यादव, कौशल कुमार, जयशंकर, अमित कुमार, मनोज राम, शशि भूषण, अरूण कुमार व मिथिलेश शामिल हैं.
21 साल से किराये का भुगतान नहीं
लापरवाही नहीं हो सका मूल्य का निर्धारण
आम लोगों के द्वारा किराये का भुगतान नहीं किये जाने की बात तो आम तौर पर सुनी जाती है. पर यहां जिले के आला अधिकारी भी अपने किराये का नियमित तौर पर भुगतान नहीं करते. जिला परिषद के जमीन पर सालों से मकान बना कर रह रहे हैं पर किराये का भुगतान नहीं कर रहे. यह काम कोई आम आदमी नहीं कर रहा बल्कि जिले के आला अधिकारी के द्वारा किया जा रहा है. कई ऐसे मामले हैं जिसमें जिला परिषद के जमीन पर बने मकान का सालों से किराया नहीं दिया जा रहा है. अब तो यह किराया लाखों में हो चुका है.
डीआरडीए पर 21 साल से बकाया है किराया . जिला परिषद के जमीन पर ही डीआरडीए है. जिला परिषद सूत्रों की मानें तो साल 1995 – 96 में डीआरडीए का भवन बना. उस समय करीब 35 लाख रुपये के करीब डीआरडीए का भवन बनाने पर खर्च आया था. अधिकारियों और जिप अध्यक्ष में यह तय हुआ था कि डीआरडीए को बनाने में जितनी राशि खर्च होगी वह राशि भाड़े में समायोजन किया जायेगा.
इसके बाद से सालाना जिला परिषद का बतौर 40 हजार रुपये की दर से किराया भुगतान किया जायेगा. पर इस बात पर अब तक पहल नहीं हो सका है. ना तो जिप प्रशासन बकाये राशि की मांग करती है और ना ही डीआरडीए प्रशासन राशि का हिसाब कर भुगतान की दिशा में कोई पहल कर रहा है.
डेढ़ एकड़ में है एसडीओ कार्यालय.बेनीपट्टी एसडीओ कार्यालय करीब डेढ़ एकड़ में फैला है. यह भी जिला परिषद के जमीन पर ही बना है. पर आज तक इस भवन का किराया जिला परिषद प्रशासन को भुगतान नहीं किया गया. अब तक विभागीय कर्मी को या फिर अध्यक्ष को यह बात ही पता नहीं है कि बेनीपट्टी एसडीओ का किराया कितना निर्धारित है.
नहीं हो रहा मूल्य का निर्धारण
जिला परिषद के जमीन पर बने सरकारी मकान के मूल्य निर्धारण में जिप प्रशासन लापरवाही बरत रही है. एक ओर जहां दुकानों का तीन साल पर मूल्य का पुनर्निधारण किया जाता है वहीं सरकारी भवन या कार्यालय का सालों से मूल्य निर्धारण नहीं किया गया है.
होगी पहल . जिप अध्यक्ष शीला मंडल ने कहा है कि इस मामलों में जल्द ही पहल होगी. नियम हर किसी के लिए एक ही होता है. सरकारी या प्राइवेट संगठन के लिये अलग अलग नियम नहीं होगा.
जल्द ही बकाये राशि की मांग की जायेगी और किराये का पुनर्निर्धारण भी होगा.
मुजफ्फरपुर, गुरुवार
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