पटना/मधुबनी : सुगौली की नाबालिग बच्ची के साथ मधुबनी में जयनगर के एसडीओ व उनके परिजनों की ओर से प्रताड़ित करने व रॉड-डंडे से पीटने की बात सामने आयी है. इसको लेकर गैर जमानतीय धाराओं में केस दर्ज किया गया है. बच्ची के साथ घटना पटना के समनपुरा के एक अपार्टमेंट में हुई, जहां एसडीओ का परिवार रहता है.
डेढ़ माह से बच्ची को बंधक बना कर पीटे जाने की बात सामने आयी है. शनिवार को बच्ची अपार्टमेंट में पड़ोसियों की मदद से एसएसपी मनु महराज के कार्यालय पहुंची, जहां उसने आपबीती सुनायी. उसके शरीर पर पिटाई के निशान थे. बोलते-बोलते बच्ची रोने लगी. बच्ची की बात सुनने के बाद एसएसपी ने अपने कार्यालय में थानेदार को बुलाया और उसका बयान दर्ज कराया.
पटना शाीनगर थाना क्षेत्र के समनपुरा में मक्का टॉवर अपार्टमेंट की चौथी मंजिल पर फ्लैट संख्या 402 में गुलाम मुस्तफा अंसारी अपने परिवार के साथ रहते हैं.
सुगौली की बच्ची
वह मधुबनी जिले के जयनगर में एसडीओ के पद पर तैनात हैं. उनका बॉडीगार्ड अरविंद कुमार मोतिहारी के सुगौली का रहनेवाला है. एसडीओ ने अपने बॉडीगार्ड से छोटी बच्ची को घरेलू काम के लिए लाने के लिए कहा. इस पर बॉडीगार्ड अपने गांव के पास रहनेवाले एक परिवार से संपर्क किया. परिवार में कुल सात बच्चे हैं, जिसमें तीन भाई और चार बहन हैं. पिता नेपाल में गाड़ी मरम्मत का काम करता है.
गरीबी में पल रहे परिवार की सबसे छोटी दस साल को एसडीओ के यहां पर काम पर रखवाने की बात बॉडीगार्ड ने उसके परिजनों से कही. उसने आश्वासन दिया कि साहब के यहां घर का कुछ काम करना होगा. इसके बदले में हर माह छह हजार रुपये मिलेंगे. साहब बच्ची को स्कूल भी भेजेंगे. खाना व कपड़ा भी देंगे. इस पर परिवार बच्ची को भेजने को तैयार हो गया. उसे डेढ़ माह पहले ही सुगौली से पटना ले जाया गया था.
छोटी-छोटी बात पर मिलती थी सजा
लड़की जब घर में काम करने लगी, तो उसे छोटी-छोटी गलतियों की सजा दी जाने लगी. पानी लाने में देर हो गयी तो उसे डंडे से पीटा जाता था. लड़की का कहना है कि सिबू आंटी (सिबू खातून, एसडीओ क प}ी) सबसे ज्यादा मारती थी. उनके दोनों बच्चे भी डंडे से मारते थे. एसडीओ साहब भी देर रात को घर लौटने पर रोटियां बनवाते थे. डॉट लगाते थे. प्रताड़ना की बात बच्ची के शरीर पर चोट के निशान भी बता रहे थे. जिन्हें देख कर एसएसपी दंग रह गये. यही नहीं बच्ची की घरवालों से बात भी नहीं करायी जाती थी. एसडीओ ही बात करते थे.
घर में बद कर जाते थे बाहर
शुक्रवार की सुबह एसडीओ की पत्नी टहलने गयी थी, दोनों बच्चे भी कहीं गये थे. एसडीओ जयनगर में थे. बच्ची को हमेशा की तरह घर में बंद थी. दरवाजा बाहर से लॉक था, लेकिन दरवाजे का लॉक अंदर और बाहर दोनों तरफ से खुलता था. बच्ची को इसकी दूसरी चाबी मिल गयी. उसने अंदर से चाभी लगायी और लॉक खोल लिया. इसके बाद भाग कर ुसी आपार्टमेंट में पड़ोसी के घर गयी और आपबीती बतायी. पड़ोसियों ने 24 घंटे तक बच्ची को अपने घर पर रखा. सीपीआइएम के जिला सचिव मनोज कुमार चंद्रवंशी के साथ शनिवार की दोपहर 100 नंबर पर घटना की जानकारी देने के बाद उसे लेकर एसएसपी कार्यालय मनु महाराज के पास आ गये.
गैर जमानती धाराओं में दर्ज हुआ केस
एसएसपी ने शाीनगर थानेदार एसए हाशमी को कार्यालय में बुलाया. बच्ची का फर्द बयान लिया गया और मामला दर्ज किया गया. धारा 341, 342, 343, 327, 307 तथा बाल मजदूर एक्ट के तहत केस किया गया है. पुलिस ने गैरजमानती धाराओं में मामला दर्ज किया है. जिस तरह से लड़की के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं उससे साफ है कि मेडिकल रिपोर्ट एसडीओ और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ायेंगी. इसमें बड़ी कार्रवाई के आसार हैं.