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Madhubani News : मधुबनी में 3132 प्रवासी मजदूरों ने कराया रजिस्ट्रेशन

सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिये पर खड़े मधुबनी के श्रमिकों की आजीविका सृजन की दिशा में राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है.

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मधुबनी.

सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिये पर खड़े मधुबनी के श्रमिकों की आजीविका सृजन की दिशा में राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. प्रवासी श्रमिकों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए श्रम संसाधन विभाग रजिस्ट्रेशन करा रहा है.पेट की खातिर मजदूरों का पलायन आम बात है. हर साल लाखों मजदूर रोजी रोजगार के लिए ना केवल दूसरे राज्य की ओर रुख करते हैं बल्कि विदेश तक की यात्रा करते हैं. इस दौरान श्रमिकों के शोषण की घटना खबरों में आती रहती हैं. इसके बावजूद मजदूर पलायन करने के लिए मजबूर होते हैं. इन समस्या को दूर करने के लिए सूबे की सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए ‘बिहार प्रवासी कामगार एप’ लॉन्च किया है. इस एप के जरिए मधुबनी में अब तक 3132 प्रवासी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन पूरा हो चुका है. सरकार का मानना है कि यह एप मजदूरों के लिए वरदान साबित होगा. कारण इससे उन्हें रोजगार, कौशल विकास, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और सरकारी सेवाओं का लाभ मिलेगा.

हर पंचायत से पांच सो मजदूरों का होगा निबंधन

एप के माध्यम से बिहार से बाहर काम कर रहे श्रमिकों का पंचायत स्तर पर अब डेटाबेस तैयार करना आसान हो जाएगा. सरकार प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन का टारगेट भी रखा है. प्रत्येक पंचायतों से करीब 500 प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण किया जाना है. इसके लिए विभाग के पदाधिकारी काम भी कर रहे हैं.

प्रवासी मजदूरों को सरकारी योजना का मिलेगा लाभ

बिहार सरकार ने प्रवासी मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘बिहार राज्य प्रवासी श्रमिक दुर्घटना अनुदान योजना 2008’ लागू की है. इस योजना के तहत दुर्घटना में मृत्यु होने पर 2 लाख अनुदान, पूरी तरह विकलांग होने पर 1 लाख अनुदान और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 50 हजार अनुदान सरकार देती है. वहीं इस एप की मदद से प्रवासी मजदूरों का पंचायतवार डेटा तैयार किया जा रहा है.

इन वजहों से प्रवासी मजदूर नहीं करा पाते निबंधन

मधुबनी के मजदूरों की डिमांड ना केवल देश के विभिन्न शहरों में है बल्कि विदेश में भी है. ऐसे में रोजगार की तलाश में मौका मिलते ही ये मजदूर घर छोड़कर निकल पड़ते हैं. आर्थिक कमी से जूझ रहे ये मजदूर स्थानीय दलाल के झांसे का शिकार भी हो जाते हैं. ऐसे में निबंधन की औपचारिकता पूरी करना ये उचित नहीं समझते. मधुबनी के अधिकांश मजदूर कृषि क्षेत्र से जुड़े हैं, जो धान कटनी के समय दूसरे राज्य जाते हैं. उसके बाद जिनकी अच्छी खासी तादाद है वह है ईंट भट्टा में काम करने वाले मजदूरों की. जो खेती से मौका मिलते ही इस काम में लग जाते हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी

प्रभारी श्रम अधीक्षक गोबिंद कुमार ने कहा कि जो प्रवासी मजदूर बिहार से बाहर रोजगार कर रहे हैं. उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. इसके तहत मजदूरों से उनका नाम, पिता का नाम, स्थायी और वर्तमान पता, शैक्षणिक योग्यता, मोबाइल नंबर और बैंक खाते की जानकारी ली जा रही है. ताकि भविष्य में उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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