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मरे व्यक्ति को मिला केसीसी !

मधुबनी: जिस व्यक्ति की मौत चार साल पूर्व हो गयी था. वे आज भी बैंक में ऋण राशि की निकासी कर रहे हैं. चौकिये मत! यह किसी फिल्म या उपन्यास की कहानी नहीं है. यह कारनामा सतलखा पैक्स में धड़ल्ले से हुआ है. इस पैक्स के कई मृत व्यक्ति के नाम पर केसीसी ऋण का […]

मधुबनी: जिस व्यक्ति की मौत चार साल पूर्व हो गयी था. वे आज भी बैंक में ऋण राशि की निकासी कर रहे हैं. चौकिये मत! यह किसी फिल्म या उपन्यास की कहानी नहीं है. यह कारनामा सतलखा पैक्स में धड़ल्ले से हुआ है.
इस पैक्स के कई मृत व्यक्ति के नाम पर केसीसी ऋण का भुगतान किया गया है. हालांकि इस फर्जीबाड़ा में बैंक अधिकारियों के मिली भगत से इनकार नहीं किया जा सकता है. रहिका के हुसैनपुर पंचायत निवासी हरि शरण चौधरी की मृत्यु 14 अक्तूबर 2014 को ही हो गयी, लेकिन इनके नाम पर 2014 तक केसीसी ऋण का उठाव किया गया है. इस प्रकार के कई मामले सामने आये है.
लाखों का फर्जीवाड़ा
केसीसी के नाम पर लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा का खेल खेलने का मामला सामने आया है. करीब 20 लाख रुपये का ऋण ऐसे लोगों के नाम पर है जो या तो मर चुके हैं या फिर अन्य जिले के हैं या फिर उन्होंने कभी ऋण लिया ही नहीं. सतलखा पैक्स के कई ऐसे लोगों के नाम पर ऋण का भुगतान किया गया है. इनकी मृत्यु पूर्व में ही हो चुकी है. एक ओर जहां सही किसान केसीसी के लिए भटक रहे हैं, वहीं किसी मरे व्यक्ति को किस प्रकार केसीसी ऋण उपलब्ध कराया गया. यह लोगों को हैरत में डाल दिया है. ऐसा मामला एक दो नहीं बल्कि दर्जनों की संख्या में हैं, इसी प्रकार अशोक कामत की मौत 14 जुलाई को हो गयी. लेकिन इनके नाम पर केसीसी ऋण निकासी हुई है.
दरभंगा जिला के निवासी बने सतलखा के सदस्य
पैक्स व को-ऑपरेटिव में कुछ भी असंभव नहीं है. स्थानीय लोग भले ही पैक्स के सदस्य न बन सके, लेकिन यदि पैक्स अध्यक्ष व पदाधिकारी चाहें तो अन्य जिले के लोगों को भी मधुबनी के किसी भी पैक्स का सदस्य बना सकते है. ऐसा ही मामला सतलखा पैक्स में सामने आया है. जहां दरभंगा जिला के कई लोगों का नाम पैक्स की सूची में शामिल है. साथ ही इनके नाम पर केसीसी ऋण का भुगतान भी किया गया. केवटी विधानसभा क्षेत्र के अमर कुमार चौधरी का नाम वहां से मतदाता सूची में 151 क्रम संख्या पर है, लेकिन ये सतलखा पैक्स के सदस्य है. इनके नाम पर 30 हजार का ऋण भी दिया गया है. इसी प्रकार सुरकन चौधरी की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन 30 हजार का ऋण दिया गया इस तरह के दर्जनों नाम सामने आ रहे हैं.
जांच की मांग
सतलखा पैक्स में कथित तौर पर भरे व्यक्ति व अन्य जिले के लोगों के नाम पर केसीसी भुगतान मामले की जांच की मांग गांव के लोगों ने की है. गांव के मिथिलेश चौधरी, जय प्रकाश चौधरी व अन्य ने जिला पदाधिकारी व एसपी को साक्ष्य उपलब्ध कराते हुए मामले की जांच की मांग की है. इन्होंने पदाधिकारियों को दिये आवेदन में कहा है कि इनके पिता की मौत हो चुकी है. पर खाता संख्या 91 के माध्यम से इनके मृत पिता के नाम पर फर्जी तरीके 20 हजार रुपये की निकासी कर ली गयी है. इसके साथ ही इनके नाम पर भी कथित तौर पर फर्जी निकासी कर लिया गया है.
जांच को आयी टीम
कार्यालय सूत्रों ने बताया है कि फर्जी भुगतान के मामले की जांच के लिए विभाग का एक टीम विगत दिनों बैंक पहुंची थी. इस दौरान उन्होंने कई बिंदु पर जांच की. हालांकि जांच के दौरान क्या कार्रवाई हुई यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला पदाधिकारी गिरिवर दयाल सिंह ने बताया है कि मामले की व्यापक जांच की जायेगी. दोषी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जायेगी. वहीं को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक संतोष कुमार झा ने बताया है कि मामले की विशेष जांच की जा रही है किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा.

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