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कलेक्ट्रेट के समक्ष प्रदर्शन, ट्रेन रोक की नारेबाजी

कर्मचारी संगठनों के एकदिवसीय राज्यव्यापी हड़ताल का रहा असर बंद के बाद नगर थाने में सीपीआई कार्यकर्ताओं ने दीं गिरफ्तारियां समाहरणालय के सामने किया रोषपूर्ण प्रदर्शन मधुबनी : ट्रेड यूनियन का भारत बंद का जिले में मिला जुला असर रहा. शहर में अन्य दिनों की तरह ही सड़क मार्ग पर वाहनों का परिचालन होता रहा. […]

कर्मचारी संगठनों के एकदिवसीय राज्यव्यापी हड़ताल का रहा असर

बंद के बाद नगर थाने में सीपीआई कार्यकर्ताओं ने दीं गिरफ्तारियां
समाहरणालय के सामने किया रोषपूर्ण प्रदर्शन
मधुबनी : ट्रेड यूनियन का भारत बंद का जिले में मिला जुला असर रहा. शहर में अन्य दिनों की तरह ही सड़क मार्ग पर वाहनों का परिचालन होता रहा. वहीं दुकानें भी खुली रहीं. हालांकि वामपंथी कार्यकर्ताओं ने करीब एक घंटे से अधिक समय तक मधुबनी स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया. इससे सियालदह जयनगर गंगासागर एक्सप्रेस लगभग 1 घंटे तक होम सिगनल पर रूकी रही.
जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस आशय की सूचना देते हुए स्टेशन अधीक्षक जगदंबा प्रसाद ने बताया कि सीपीआइएम व एसएफआई के दर्जनों कार्यकर्ताओं द्वारा रेलवे ट्रैक 1 एवं 2 को जाम कर दिया गया.
जिसके कारण सियालदह जयनगर गंगासागर एक्सप्रेस को स्टेशन से पहले होम सिग्नल पर रोक दिया गया. बाद मे नगर थाना पुलिस ने आंदोलनकारियों को मधुबनी नगर थाना इंस्पेक्टर के द्वारा गिरफ्तार कर थाना लाया गया और 1 घंटा बाद सभी आंदोलनकारियों को रिहा कर दिया गया. श्री प्रसाद ने बताया कि इस बीच स्पीड ट्रायल स्पेशल के वरीय पदाधिकारियों को भी लगभग 10 मिनट तक बंद समर्थक कार्यकर्ताओं द्वारा रोका गया.
गंगासागर एक्सप्रेस 10.30 सुबह से लेकर 11.30 सुबह से लेकर 11.30 सुबह तक होम सिग्नल पर रुकी रही. जीआरपी, आरपीएफ व नगर थानाध्यक्ष अरुण राय द्वारा काफी मशक्कत के बाद बंद समर्थकों को ट्रैक से हटाया गया. जिसके बाद ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ. वहीं विभिन्न बैंकों के इस हड़ताल में शामिल होने के कारण करीब तीन सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित हो गया.
विभिन्न संगठन आये बंद के समर्थन में : बिहार आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ जिला इकाई के आह्वान पर राज्यव्यापी एक दिवसीय हड़ताल एवं सीएफटीवीआई के समर्थन में सदस्यों ने धरना दिया. हड़ताल में सेविका सहायिका शामिल थे. धरना स्थल पर जिलाध्यक्ष प्रमिला कुमारी पूर्वे, मीना कुमारी मौजूद थी.
वहीं कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर डाक कर्मचारी दस सूत्री मांगों को लेकर एक दिवसीय राज्यव्यापी हड़ताल पर रहे. उनके मांगों में नई पेंशन नीति को खत्म करने, डाक विभग के निजी करण पर रोक लगाने आदि मांग शामिल है. हड़ताल पर बमभोला कामत, फूलदेव यादव, उदय नाथभाष्कर, राम नारायण राय, विनोद यादव, संतोष राउत, सरोज सिंह, महेनद्र मोची, शंकर सिंह आदि मौजूद थे.
बिहार झारखंड सेल्स रिप्रजेंटिटव यूनियन के दवा प्रतिनिधियों और अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) बंद में : दूसरी ओर केन्द्रीय ट्रेड यूनियन एवं एफएमआरएआई के आह्वान पर बिहार झारखंड सेल्स रिप्रजेंटिटव यूनियन के दवा प्रतिनिधियों और अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस(एटक) जिला कमेटी के सदस्य एक दिवसीय भारत बंद के माध्यम से अपनी मांग सरकार के सामने रखी. उनके मांगों में सेल्स प्रोमोशन इम्पलाइज एक्ट 1976 की रक्षा करने.
दवा एवं मेडिकल उपकरण पर शून्य प्रतिशत जीएसटी लागू करने, नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने, जेएनयू छात्रों पर हमला करने वाले पर कारवाई करने आदि मांग शामिल है. भारत बंद में राम नारायण यादव, यामुन पासवान, रामचन्द्र शर्मा, सत्यनारायण राय, लक्ष्मण चौधरी, अरुण पाण्डेय आदि लोग शामिल थे.
एक दिवसीय हड़ताल में मध्यान भोजन रसोइया कल्याण समिति के सदस्य भी शामिल हुए. धरना स्थल पर सभा आयोजित कर जिलाध्यक्ष जुली देवी ने रसोइयों की सेवा स्थायी करने, नियोजन पत्र देने, एमडीएम रसोइया को अट्ठारह हजार मानदेय देने सहित कई मांग कर रही थी. धरना स्थल पर योगेन्द्र पंडित, कुरवान मंसूरी, विनीता कुमारी, कविता कुमारी आदि मौजूद थे.
वहीं बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ के सदस्य भी मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया. उनके मांगों में रसोइयों से दूसरा काम नहीं लेने, रसोइयों को वेतन भुगतान करने, हड़ताल अवधि को वेतन देने, रसोइयों को सरकारी कर्मी का दर्ज देने सहित कई मांग शामिल है. धरना में शिवकुमार यादव, बुधन पासवान, राम उदगार यादव, राजकुमारी देवी, सुधीरा देवी, गंगिया, जीतनी, नरेश पासवान, कलदेव साह, श्याम यादव थे.
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ एवं बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का समर्थन : अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ एवं बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर देश के सभी के सभी ट्रेड यूनियनों के द्वारा बुधवार को केंद्र सरकार के श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ आम हड़ताल का समर्थन करते हुए समाहरणालय के समक्ष प्रतिवाद रैली का आयोजन किया.
समाहरणालय के मुख्य द्वार पर बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला इकाई के अध्य्क्ष आनंद मोहन चौधरी की अद्यक्षता में सभा का आयोजन किया गया. सभा को संबोधित करते हुए प्रभारी जिला मंत्री रमण प्रसाद सिंह के द्वारा केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों पर चर्चा करते हुए मांग की गयी कि पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने,नई पेंशन नीति को वापस लेने की मांग की गई.
श्रमिक परिश्रम कानून को बहाल रखने, ठेका, अनुबंध के प्रथा को समाप्त कर रिक्त पदों पर नियामित करने की मांग भी संगठन ने की. प्रतिवाद रैली में महंगाई पर रोक लगाने सहित 11 सूत्री मांगों का ज्ञापन जिला पदाधिकारी को सौंपा. सभा को विजय कुमार यादव, श्याम पासवान, शारदानंद झा, प्रीतनारायन लाल दास, राजेन्द्र यादव, विश्राम शर्मा,रेखा मिश्र,चंद्रिका देवी, हृदय नारायण ठाकुर सहित कई कर्मियो ने संबोधित किया.
सीपीआई व सीपीएम के कार्यकर्ता ने किया रेलवे ट्रैक व समाहरणालय के सामने प्रदर्शन : किसान ,मजदूर ,छात्र संगठन के आव्हान पर राष्ट्रिये हड़ताल एवं ग्रामीण भारत बन्द के समर्थंन में सीपीआई एवं सीपीएम के कार्यकर्ता रामनरेश पांडेय, मिथिलेश झा,मनोज मिश्र, राजश्री किरण, लक्ष्मण चौधरी, मोतीलाल शर्मा, हरिनारायण सदाय के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ आम हड़ताल में मधुबनी मुख्यालय में भाग लिया.
ए आई टी यू सी मधुबनी जिला के अध्यक्ष रामचंद्र शर्मा एवं महासचिव सत्यनारायण राय के नेतृव में श्रमिक सँगठंनो, काष्ठकर्मी संगठन,रसोईया संघ, निर्माण कस्तकारी मजदूर एवं अन्य ग्रामीण मजदूर भी काफी संख्याओं हड़ताल को सफल बनाने के लिए सड़क आये. मधुबनी रेलवे स्टेशन मुख्य सड़क को जाम करने के बाद सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी मधुबनी रेलवे स्टेशन के ट्रैक प्लेटफॉर्म 01 एवं 02 को लगभग डेढ घंटे तक अवरुद्ध किया. स्टेशन से मधुबनी बाजार के विभिन्य मार्गों से जुलुस के शक्ल में आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर समाहरणालय के मुख्य द्वार एवं मुख्य सड़क को बंद किया.

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