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महिला सशक्तिकरण की दिशा में 37 से ज्यादा चल रही है योजनाएं

महिला सशक्तिकरण की दिशा में 37 से ज्यादा चल रही है योजनाएं

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ग्वालपाड़ा. बुधवार को 14वें दिन महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन सरौनी पंचायत के पामा टोला के धरतीमाता जीविका महिला ग्राम संगठन में आयोजित किया गया. बीपीएम विकास रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार के द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में 37 से ज्यादा योजनाएं चल रही हैं. इन योजनाओं की जानकारी सभी तक पहुंचाना है तथा इसमें और क्या सुधार की आवश्यकता है. इस पर विशेष बल दिया जा रहा है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना, उनकी सामाजिक-आर्थिक भागीदारी को सुनिश्चित कर उनकी समस्याओं व सुझावों को नीति-निर्माताओं तक पहुंचाना है. गर्मी के बावजूद महिलाओं ने महिला संवाद में सक्रिय भागीदारी दर्ज की है, जो यह दर्शाता है कि ग्रामीण महिलाएं अब न केवल अपनी समस्याओं को पहचान रही हैं, बल्कि उनकी अभिव्यक्ति और समाधान के लिए मंच का भी प्रभावी उपयोग कर रही हैं. कार्यक्रम में जीविका से जुड़ी महिलाएं स्वयं सहायता समूहों की सदस्याएं व अन्य ग्रामीण महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हो रही हैं. वे अपने अनुभव साझा कर रही हैं, एक-दूसरे की कहानियों से प्रेरणा ले रही हैं तथा अपने अधिकारों और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक हो रही हैं. इसमें सरकारी योजनाओं से संबंधित पूर्ण जानकारी (लीफलेट) वितरित किए जा रहे हैं, साथ ही महिला संवाद रथ के माध्यम से जागरूकता फिल्में दिखाकर महिलाओं को विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरूक किया जा रहा है. महिला संवाद कार्यक्रम में महिला किसानों ने कृषि क्षेत्र से जुड़ी बुनियादी आवश्यकताओं व समस्याओं को मजबूती से सामने रखा. उन्होंने आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी और प्रशिक्षण की इच्छा जताते हुये सरकार से खाद्य और कीटनाशकों की सहज उपलब्धता और उनकी कीमतों में कमी सुनिश्चित करने की मांग की. महिलाओं ने बताया कि यहां अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है, इसलिए यहां की आर्थिक मजबूती के लिए किसानों के हित में विशेष योजनाएं और सुविधाएं जरूरी हैं. महिलाओं ने कहा कि अगर खेती को लाभकारी बनाना है, तो किसानों को समय पर गुणवत्ता युक्त इनपुट्स जैसे खाद्य, बीज व कीटनाशक दवा उचित दरों पर मिलना चाहिये. सिंचाई के स्रोतों को विकसित की जाय. उन्होंने जिला प्रशासन से जल की समुचित आपूर्ति और वैकल्पिक स्रोतों की व्यवस्था की मांग की. इससे ग्रामीणों को इस परेशानी से राहत मिल सके. इस आयोजन के माध्यम से महिलाओं को मंच दिया जा रहा है जहां वे सरकार के साथ प्रत्यक्ष संवाद स्थापित कर रही हैं, अपनी समस्याओं के समाधान के सुझाव दे रही हैं और नीतियों को अधिक समावेशी और प्रभावी बनाने में योगदान कर रही हैं. जीविका द्वारा संचालित इस पहल में प्रत्येक महिला को आमंत्रित किया गया है कि वह अपने निकटतम महिला ग्राम संगठन में पहुंचकर इस संवाद का हिस्सा बने और राज्य के समावेशी विकास में अपनी भूमिका को सशक्त बनाएं. यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां ग्राम की महिला अब नीति विमर्श का केंद्र बन रही है. सरकार की यह पहल न केवल स्थानीय स्तर पर बदलाव ला रही है, बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी एक आदर्श प्रस्तुत कर रही है. इस कार्यकम के सफल संचालना में केशव कुमार, अनिल कुमार ठाकुर, रंजीत कुमार झा, रवीना कुमारी, सोनी कुमारी खुशबु कुमारी, रोमन कुमार, सतीश कुमार आदि उपस्थित थे.

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