मधेपुरा. विश्वगुरु रविंद्रनाथ टैगोर की 155वीं जयंती बुधवार को समाजसेवी-साहित्यकार डा भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी द्वारा छात्र-छात्राओं के साथ पौधरोपण कर मनाया गया. डा भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि विश्वगुरु रविंद्रनाथ टैगोर का जन्म सात मई 1861 को कोलकाता में हुआ था. मात्र आठ वर्ष की उम्र में पहली कविता एवं 16 वर्ष की उम्र में पहली लघु कथा प्रकाशित कर, उन्होंने बांग्ला साहित्य में एक नये युग की शुरुआत की थी. कालांतर में वह सर्वाधिक प्रतिभा संपन्न, विश्व विख्यात कवि, लेखक, दार्शनिक, उपन्यासकार, नाटककार, संगीतकार एवं चित्रकार बन गये. वर्ष 1913 में उन्हें उनकी कालजयी रचना गीतांजलि के लिए साहित्य के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था. विश्वगुरु रविंद्रनाथ टैगोर दुनिया के ऐसे विरले रचनाकार हैं, जिनकी लेखनी न केवल भारत एवं बांग्लादेश के राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार की गयी, बल्कि श्रीलंका के राष्ट्रगान में भी इनकी लेखनी झलकती है.
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