मधेपुरा. सदर अस्पताल में अब मौसम के बदलाव का असर दिखने लगा है. तापमान में कभी वृद्धि तो कभी कमी के चलते लोगों की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगा है. इस अनियमित मौसम के परिणामस्वरूप, अस्पताल में बुखार, थकान और संक्रमण से ग्रस्त मरीजों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि हुई है. फिलहाल, अस्पताल के चिकित्सक व कर्मचारियों ने देखा है कि जिन मरीजों में बुखार के साथ अन्य लक्षण जैसे थकान, मांसपेशियों में दर्द और सूजन मौजूद हैं, उनकी संख्या बढ़ रही है. यह स्थिति न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है, बल्कि अस्पतालों पर भी अतिरिक्त बोझ डाल रही है. डॉक्टरों का कहना है कि मौसमी बदलाव और तापमान में अस्थिरता के कारण वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है. शनिवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में ईएनटी, जनरल सर्जन, फिजीशियन, बाल रोग विभाग के कक्ष में मरीज ज्यादा थे. आंकड़ाें के अनुसार अभी अस्पताल में आने वाले मरीज की संख्या में करीब 50 फीसदी मरीज सर्दी, जुकाम, बुखार, थकान से ही प्रभावित थे. डॉ संतोष प्रकाश ने कहा कि जब तापमान ऊपर-नीचे होता है, तो यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है. इसके परिणामस्वरूप, छोटे-छोटे संक्रमणों का भी गंभीर रूप लेना संभव है. जैसे-जैसे मौसम बदलता है, लोग अपनी दिनचर्या भी बदलते हैं. फलस्वरूप, वे अक्सर ठंड और बुखार जैसी समस्याओं के शिकार हो जाते हैं. अस्पताल में भर्ती मरीजों की रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकतर लोग गर्मी के दिनों में अत्यधिक पसीना आने या धूप में रहने के कारण बीमार पड़ रहे हैं, जबकि ठंडे मौसम में अचानक तापमान गिरने से भी अनेक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. बुखार के साथ-साथ, मरीजों में कमजोरी और थकान की शिकायतें काफी आम हो गई हैं. डॉक्टरों का कार्य इन मामलों की निगरानी करना और प्रभावी उपचार प्रदान करना है. इसके साथ-साथ, लोगों को जागरूक करने की भी आवश्यकता है. वे बदले हुए मौसम के दौरान अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें, पर्याप्त पानी पिएं और संतुलित आहार का सेवन करें. बचाव के उपायों में हाथों की सफाई, बीमार लोगों से दूरी बनाना, और समय-समय पर चिकित्सक से सलाह लेना शामिल है. चिकित्सक सुझाव देते हैं कि किसी भी संक्रामक बीमारी के लक्षणों की पहचान जल्दी करें और उपचार जल्दी शुरू करें. सदर अस्पताल के प्रबंधन ने भी इस विषय पर ध्यान दिया है. उन्होंने जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न अभियान चलाने की योजना बनाई है. इसके तहत, मरीजों और उनके परिवार वालों को मौसम के बदलते मिजाज के प्रति जागरूक किया जा रहा है. अस्पतालों में उचित चिकित्सा सुविधाएं और संसाधनों का प्रबंध करना बहुत जरूरी है, ताकि जैसे ही मौसम के बदलाव का असर देखने को मिले, अस्पताल तत्परता से रिस्पॉन्स कर सके. लोगों को चाहिए कि वे मौसम के अनुसार अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें ताकि बुखार, थकान और संक्रमण से बचा जा सके. इस प्रकार, सदर अस्पताल मधेपुरा में स्वास्थ्य सेवाओं की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करें. सदर अस्पताल प्रशासन ने बताया कि करीब एक सप्ताह पहले जहां औसतन पांच सौ मरीज जिला अस्पताल आते थे, लेकिन अब मौसम बदलने से यह आंकड़ा सात सौ के पार हो गया है. बच्चे भी इससे प्रभावित हो रहे हैं.
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