मधेपुरा.
फाइलेरिया व कालाजार उन्मूलन के तहत जिले के पुरैनी प्रखंड स्थित औराय पंचायत भवन में ग्राम पंचायत प्लानिंग व फेसीलिटेशन टीम की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता पंचायत की मुखिया सावित्री सिंह ने की. बैठक में पंचायत प्रतिनिधियों, वार्ड सदस्यों, आशा, एएनएम , सेविकाओं, स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों, स्थानीय नागरिकों तथा सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी निभायी. बैठक का मुख्य उद्देश्य फाइलेरिया व कालाजार जैसी गंभीर बीमारियों के बारे में समुदाय को जागरूक करना, उनके प्रभाव, पहचान व रोकथाम की रणनीतियों पर चर्चा करना तथा पंचायत स्तर पर समन्वित प्रयासों को मजबूत बनाना था. बैठक में बताया गया कि फाइलेरिया न केवल शारीरिक विकलांगता का कारण बनता है, बल्कि मरीज व परिवार के लिए सामाजिक और आर्थिक चुनौतियां भी पैदा करता है. इसके लिये समय पर पहचान, नियमित देखभाल, मॉर्बिडिटी मैनेजमेंट व दवा सेवन आवश्यक है. कालाजार विषय पर भी विस्तृत चर्चा की गयी. संदिग्ध मरीजों की पहचान, जांच की प्रक्रिया, समय पर उपचार तथा आगामी घर-घर छिड़काव अभियान के महत्व को समझाया गया. टीम ने समुदाय से अपील की कि वे छिड़काव प्रक्रिया में पूरा सहयोग करें ताकि संक्रमण चक्र को तोड़ा जा सके. बैठक में बीडीएस अमित कुमार प्रकाश जीएनएम माला कुमारी, पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर त्रिलोक मिश्रा व पीओ-सीडी प्रफुल्ल कुमार उपस्थित रहे. प्रोग्राम लीडर त्रिलोक मिश्रा के द्वारा बताया गया कि फाइलेरिया व कालाजार उन्मूलन का राष्ट्रीय लक्ष्य तभी सफल हो सकता है जब पंचायत की प्रत्येक इकाई आशा, एएनएम, वार्ड सदस्य, शिक्षक व युवाओं की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित की जाय. उन्होंने यह भी समझाया कि पंचायत स्तर पर जीपीपीटीएफ के गठन से निगरानी, रिपोर्टिंग और सामुदायिक जागरूकता गतिविधियों को व्यवस्थित रूप से लागू किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि संभावित फाइलेरिया मरीजों की पहचान, उनकी मॉर्बिडिटी मैनेजमेंट की सुविधा, तथा आवश्यकता अनुसार एमएमडीपी किट वितरण में पंचायत की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने टीम से अनुरोध किया कि प्रत्येक घर तक जागरूकता संदेश पहुंचाना प्राथमिकता होनी चाहिये. ग्राम पंचायत प्लानिंग व फेसीलिटेशन टीम में मुखिया, वार्ड सदस्य, आशा, एएनएम, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका व युवा प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है. टीम को पंचायत क्षेत्र में फाइलेरिया और कालाजार उन्मूलन से जुड़ी गतिविधियों की नियमित निगरानी, रिपोर्टिंग और समुदाय को मार्गदर्शन प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गई है. बैठक के अंत में मुखिया सावित्री सिंह ने कहा कि यदि पंचायत स्तर पर सभी लोग मिलकर प्रयास करें, तो फाइलेरिया व कालाजार जैसी बीमारियों को जड़ से समाप्त किया जा सकता है. उन्होंने टीम से गांव-गांव जाकर जागरूकता फैलाने, संदिग्ध मरीजों की पहचान करने तथा समुदाय को स्वास्थ्य कार्यक्रमों से जोड़ने का आग्रह किया. बैठक का समापन सामूहिक संकल्प के साथ हुआ, इसमें सभी प्रतिभागियों ने फाइलेरिया व कालाजार मुक्त पंचायत बनाने का दृढ़ निश्चय किया. यह बैठक समुदायिक एकजुटता और स्वास्थ्य जागरूकता का उत्कृष्ट उदाहरण बनी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

