उदाकिशुनगंज इस्लाम का सबसे पाक और मुबारक महीना रमजान विदा हो गया. रविवार की शाम को चांद का दीदार होते ही खुशियां परवान चढ़ गई. सभी लोग एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद देने लगे. ईद उल फितर सोमवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. 29 रोजों के साथ माहे रमजान विदा हो गया. ज्ञात हो कि माह -ए- रमजान के मुकम्मल होने पर ईद का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि रमजान के महीने में रोजे रखने और इबादत में मशगूल रहने पर ईद अल्लाह की तरफ से रोजेदारों के लिए एक तोहफा होता है. बता दें कि रमजान के दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने सादगी के साथ गुजारा और रोजे पूरे होने पर मुस्लिम धर्मावलंबियों ने ईद की तैयारी पूरी कर ली है. ईद उल फितर को लेकर रोजेदारों ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं और सुबह की नमाज को लेकर मस्जिद व दरगाह भी सजकर तैयार हो गई हैं. ईद को लेकर प्रखंड मुख्यालय सहित सिंगारपुर, करौती रहटा,फनहन, करौती,जौतैली,मंजौरा, खोडागंज, रामपुर डेहरू समेत अनुमंडल क्षेत्र के सभी ईदगाह और मस्जिद सज-धज कर तैयार है. बताया जाता है कि रमजान अल्लाह की इबादत के बाद ईद सभी के लिए इनाम का दिन है. सिंगारपुर जामा मस्जिद के इमाम मुजक्कीर हसन नदवी बताते हैं रमजान के महीने को साल का नौवां महीना माना गया है, जो बहुत ही पाक (पवित्र) महीना होता है. इस पूरे महीने ईमान वाले लोग रोजा रखते हैं और रमजान के आखिरी दिन यानी आखिरी रोजा चांद को देखकर खत्म किया जाता है. ईद मुबारक शाम को चांद दिखने पर अगले दिन ईद का त्यौहार मनाने की परंपरा है. रोजा इस्लाम के अहम् फराइजो में से एक है और यह सब्र सिखाता है. रमज़ान में पूरे महीने भर के रोज़े रखने के बाद ईद मनाई जाती हैं. इस दिन को बढ़ी ही आसूदगी और आफीयत के साथ गुजारना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा अल्लाह की इबादत करनी चाहिए. वही ईद उल फितर पर घर-घर में आने वाले मेहमानों को दूध, घी में बनी मिठी सिवईयों की मनुहार दी जाएगी. बच्चों को ईदी के रुप में ढेर सारा प्यार और उपहार स्वरुप नकद राशि दी जाएगी. ईद को लेकर रविवार को घर-घर में तैयारियां चलती रही. बाजारों में खरीदारी का क्रम चलता रहा.
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