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गर्मी से निपटने में बीएनएमयू का विश्वविद्यालय चिकित्सालय नाकाम

गर्मी से निपटने में बीएनएमयू का विश्वविद्यालय चिकित्सालय नाकाम

मधेपुरा. भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय स्थित विश्वविद्यालय चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार की सुविधा तक नहीं है. प्राथमिक उपचार की सुविधा तो दूर की बात है, विश्वविद्यालय चिकित्सालय में न तो दवा है और न ही डॉक्टर उपलब्ध है. सबसे बड़ी बात यह है कि वर्षों से विश्वविद्यालय चिकित्सालय का ताला भी नहीं खुला है. ऐसे में बीते कुछ दिनों से भीषण गर्मी में विश्वविद्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं को बीमार पड़ने पर मुसीबत झेलने पड़ रही है.

सुविधा के नाम पर प्रति सेमेस्टर लिये जाते हैं शुल्क

विश्वविद्यालय के अधीन सभी स्नातकोत्तर विभागों के छात्र-छात्राओं से प्रति सेमेस्टर स्वास्थ्य एवं अन्य सुविधा के नाम पर शुल्क लिया जाता है. इसके बाद भी इन्हें स्वास्थ्य सुविधा नहीं दिया जा रहा है. स्थिति खराब होने पर सदर अस्पताल एवं निजी अस्पताल या फिर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया जाता है.

सदर अस्पताल या निजी अस्पताल का लेना पड़ रहा है सहारा

विश्वविद्यालय परिसर में विभिन्न कार्यों से पहुंचे छात्र-छात्राओं, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है. कार्य करने एवं करवाने के दौरान गर्मी लगने से छात्र-छात्राओं को बेहोश होते देखा जा रहा है. विश्वविद्यालय चिकित्सालय के बंद होने के कारण विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को भीषण गर्मी के कारण बीमार पड़ने की स्थिति में सीधे सदर अस्पताल या निजी अस्पताल का सहारा लेना पड़ रहा है.

सुबह 10 बजे के बाद घर से निकलना हो रहा है मुश्किल

बीएनएमयू के कई छात्र-छात्राओं ने कहा कि शुरुआत में ही गर्मी ने सभी की हालत बिगाड़ कर रखी हुई है. गर्मी का पारा सातवें आसमान पर है. सोमवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री तक दर्ज किया गया है और बीते कई दिनों से यही हाल है. हालात यह है कि लोग इस भीषण गर्मी से बीमार होकर परेशान हो रहे हैं. लोगों का सुबह 10 बजे के बाद घर से निकलना मुश्किल हो रहा है.

विश्वविद्यालय चिकित्सालय को ही दवा व डॉक्टर की दरकार

गर्मी के इस भीषण स्थिति में विश्वविद्यालय के 27 स्नातकोत्तर विभाग, बीएड, एमएड, बिलिस, एमलिस व पीएचडी के छात्र-छात्राओं के लिए समुचित स्वास्थ्य सुविधा बहाल नहीं होना दुखद है. छात्र-छात्राओं ने कहा कि बीएनएमयू परिसर स्थित विश्वविद्यालय चिकित्सालय को ही दवा व डॉक्टर की दरकार है. मालूम हो कि पिछले कई वर्षों से विश्वविद्यालय चिकित्सालय की स्थिति खराब है और वर्षों से बंद पड़ा हुआ है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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