मधेपुरा. जिला मुख्यालय स्थित सदगुरु कबीर देव ध्यान साधना संस्थान धर्म स्वरूप नगर में 27वां जिला वार्षिक सत्संग समारोह और संत सम्राट सदगुरु कबीर साहेब की जयंती मनायी गयी. मौके पर आश्रम में जमीन दान देने वाले देवनारायण बाबू की प्रतिमा का अनावरण संतों ने किया. कर्मनिष्ठ शिक्षाविद दिनेश प्रसाद यादव सदा के लिए याद किये जायेंगे. डॉक्टर जितेंद्र साहेब जीवन ज्योति केंद्र संत कबीर नगर पूर्णिया कोर्ट ने कहा संत सम्राट सदगुरु कबीर साहेब का जन्म 1398 ई को काशी के लहरतारा नामक स्थान पर जेष्ठ पूर्णिमा में हुआ था. उनके माता-पिता का नाम अज्ञात है. उसे नीरू और नीमा नामक व्यक्ति पालन पोषण किया. यह भारतीय इतिहास के महान कवि थे. उनके मौलिक ग्रंथ बीजक हैं. बीजक के 11 प्रकरण हैं. बीजक में ध्यान, भक्ति और साधना एवं अन्य महत्वपूर्ण विषय पर साखी शब्द,रमैनी वर्णन हैं. उन्होंने कहा माता-पिता गुरु प्रेम और भाव के भूखे हैं. भगवान भी प्रेम के भूखे हैं. हमें समाज में सभी इंसान से प्रेम पूर्वक व्यवहार करना चाहिए और मिलजुल कर रहना चाहिए. आश्रम के अध्यक्ष प्रोफेसर नवल किशोर साहब ने कहा हमारे बीच दिनेश बाबू पूजनीय हैं वे आश्रम के विकास में हमेशा तत्पर रहते हैं. मौके पर उपाध्यक्ष सुखदेव साहब, प्रधान सचिव मिश्रीलाल साहब, उमाशंकर साहब, शालिग्राम साहब, दयानंद साहब, पप्पू कुमार, महंत भूपेंद्र साहब,पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र यादव, तपेश्वरी यादव, प्रोफेसर कपिल देव यादव, बिंदेश्वरी साहेब, साध्वी इंद्रमती, बालकृष्ण साहब, गायत्री देवी, तारा देवी, नंदकिशोर यादव, चंदेश्वरी यादव, गजेंद्र नारायण यादव, बबलू, विनीता भारती, कामेश्वर यादव, युगल यादव, सियाराम यादव,अनिरुद्ध साहब,भूपेंद्र साहब, वीरेंद्र यादव सरपंच, सीताराम साहब, घूरन साहब आदि उपस्थित थे.
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