चैत्र नवरात्र . कलश स्थापन के साथ दुर्गापूजा शुरू
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रम गयी मां मेरे रोम-रोम में …
चैत्र नवरात्र . कलश स्थापन के साथ दुर्गापूजा शुरू मधेपुरा : पहली पूजा के दिन कलश स्थापन के साथ ही चैती दुर्गा मंदिर परिसर में दुर्गा मां का दरबार सजने लगा है. वहीं बच्चों के लिए झूला तथा मेला भी लगना शुरू हो गया है. इस मौके पर मेला समिति के अध्यक्ष सह मुख्य पार्षद […]
मधेपुरा : पहली पूजा के दिन कलश स्थापन के साथ ही चैती दुर्गा मंदिर परिसर में दुर्गा मां का दरबार सजने लगा है. वहीं बच्चों के लिए झूला तथा मेला भी लगना शुरू हो गया है. इस मौके पर मेला समिति के अध्यक्ष सह मुख्य पार्षद डा विशाल कुमार बबलू ने समिति के सदस्यों के साथ पूजा की तैयारी को लेकर विचार विमर्श किया. पूजा शांतिपूर्ण एवं सौहार्द के बीच बनाये जाने व मेला में शांति व्यवस्था बनाये रखने का निर्णय लिया गया. सदस्यों ने कहा कि आगामी छह अप्रैल तक आयोजित मेला को सफल बनाने के लिए हर व्यवस्था की जायेगी. वहीं रेलवे स्टेशन के समीप भी चैती दुर्गा का आयोजन होता है.
आज है मां चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा . मधेपुरा. नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा उपासना बहुत ही विधि विधान से की जाती है. तीसरे दिन चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा होती है. इस देवी की कृपा से साधक तो अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं. देवी का यह स्वरूप परम शक्तिदायक और कल्याणकारी है. देवी के माथे पर घंटे का आकार का आधा चंद्र है. इसलिए देवी को चंद्रघंटा कहा गया है. पंडित अजय झा कहते हैं कि मां चंद्रघंटा के शरणागत होकर अाराधाना करने से सारे कष्टों से मुक्त होकर सहज ही परम पद प्राप्त होता है. यह कल्याणकारी देवी है.
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