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सिंहेश्वर धाम में शिवपुरी बना टापू

लापरवाही . लोगों ने स्वार्थ के लिए नहर पर बने सायफन को किया जाम बबा नगरी सिंहेश्वर धाम में शिवपुरी इन दिनों टापू बना हुआ है़ शिवपुरी को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली सड़क के अलावे सभी रास्तों पर पानी भरा है़ गौरीपुर पंचायत स्थित वार्ड-8 के शिवुपरी मुहल्ले की आबादी करीब तीन सौ से […]

लापरवाही . लोगों ने स्वार्थ के लिए नहर पर बने सायफन को किया जाम

बबा नगरी सिंहेश्वर धाम में शिवपुरी इन दिनों टापू बना हुआ है़ शिवपुरी को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली सड़क के अलावे सभी रास्तों पर पानी भरा है़ गौरीपुर पंचायत स्थित वार्ड-8 के शिवुपरी मुहल्ले की आबादी करीब तीन सौ से अधिक की है़ लगातार हो रही बारिश के कारण शिवपुरी टापू बनता जा रहा है़ यहां तक कि आर्दश थाने के पीछे का हिस्सा भी पूर्णत: तालाब बन गया है़
सिंहेश्वर : शिवपुरी के पीछे बने खेत में पानी जमा हो जाने के कारण शिवपुरी प्रत्येक वर्श टापू बन जाता है़ इसका कारण खेत के पानी का निकासी नहीं होना है. मुहल्ले के लोग कई वर्षों शोर से एक नाले की मांग कर रहे हैं. लेकिन स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि व अधिकारी प्रत्येक वर्श यहां आश्वासन की नींव बना कर उसपर उम्मीदों के नाले को तैयार कर देते हैं.
वहीं दूसरी ओर खेत में पानी लग जाने के कारण खेत तालाब बन जाता है. जिसके कारण किसानों को कोई भी फसल खाने को नसीब नहीं होता है. खेत रहते हुए भी वे अपने खेत में मनपसंद फसल नहीं उपजा सकते. किसानों के समूह ने स्थानीय प्रषासन से लेकर कई बार जिला पदाधिकारी के जनता दरबार में भी अपनी मांगों को रखा. लेकिन ना उम्मीद ही हाथ लगी.
अब किसानों का कहना है कि जब जिले के आलाधिकारी ही उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिये तो अन्य अधिकारियों से इसकी शिकायत क्या करें.
अब गिरने लगे घर. लगातार हो रहे बारिस से शिवपुरी के मो गायत्री देवी का फुस का बना घर गिर गया. जिसके कारण उसे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कैमरे को देख वे रोते हुए कहती है कि दु:ख की घड़ी में उनका कोई नहीं है. वे कई बार वर्तमान प्रतिनिधियों के घर की चक्कर लगा कर हार चुकी है. अब बुढ़े कदम नेताओं व प्रखंड के अधिकारियों के कार्यालय जाते थक गये लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया.
नहीं मिलता है स्वच्छ पानी. पानी के बीच रहने वाले इस टापूनुमा मुहल्ले में स्वच्छ पानी भी लोगों को ननसीब नहीं होता. वे आयरन युक्त पानी पीने को मजबुर हैं. वार्ड नंबर आठ में सिंहेश्वर प्रखंड के कई क्षेत्रों को स्वच्छ पानी की आपूर्ति का दावा करने वाली सरकारी संस्था पीएचईडी भी है. लेकिन कहते हैं कि घर में पानी रहते भी लोग प्यासे रह जाते है. यही हाल शिवपुरी के आधे आबादी का है.पीएचडी का पानी सिर्फ रोड नंबर 18 के किनारे बसे लोगों को मिल पा रहा है. यहां भी चिराग तले अंधेरा वाली कहावत सत्य साबित हो रही है.
यहां नाले पर ही होती है राजनीति
चुनाव के दौरान मुखिया से लेकर सांसद तक गौरीपुर के मतदाताओं से नाला बनाने के नाम पर वोट लेते हैं लेकिन चुनाव के नतीजे आने के बाद वे सभी मतदाताओं के साथ द्गा कर जाते है. पंचायत चुनाव के दौरान नाला, विधानसभा के दौरान नाला और लोकसभा चुनाव के दौरान भी नाला यहां के मतदाताओं की मांग रही है़ लेकिन चुनाव के बाद जीते हुए प्रत्याशी जनता की समस्या को जनना भी अपना कर्तव्य नहीं समझते और उन्हें भगवान भरोसे छोड़ देते हैं.
िजप सदस्या ने अपने फंड से बनाया था नहर पर सायफन
कई नेताओं का है घर
इस मुहल्ले में कई ऐसे नेता है जो खुद को जदयु के बड़े नेताओं के साथ रहने की बात करते है लेकिन इन नेताओं की अपनी ही बस्ती में दाल नहीं गलती. यदि ये कार्यकर्ता ईमानदारी से अपने नेता के पास मुहल्ले को साफ व स्वच्छ करने की बात ईमादारी से उठाये तो दो से अधिक आबादी वाले लोगों को राहत मिल सकती है. इसी वार्ड में आदर्श थाना तो सामने प्रखंड कार्यालय है. लेकिन समस्या का अंबार लगा है़
निकासी को किया अवरुद्ध
तत्कालीन जिला परिशद् सदस्या कल्पना देवी ने जिला परिषद फंड से पानी निकासी के लिए थाने के समीप बने नहर में लगभग तीन लाख रुपये की राशि से पानी निकासी के लिए साइफन का निर्माण करवाया था ताकि आसपास के लोग व किसानों को जलजमाव की समस्या से निजात दिया जा सके. जैसे जैसे आबादी बढ़ती गयी लोगों ने अपनी सुविधा के लिए उक्त सायफन को बंद कर अपना आशियाना खड़ा कर दिया.
अपने आसियाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों की बगैर परवाह किये अपने काम को अंजाम देने में कामयाब रहे. यदि इस सायफन का रास्ता अवरूद्ध नहीं होता तो शिवपुरी टापू नहीं बनता ऐसा स्थानीय लोगों का कहना है.

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