141 किसानों को मिला 17.28 करोड़ मुआवजा फोटो – मधेपुरा 01कैप्शन – सीओ के साथ बैठक करते डीएम- विद्युत रेल इंजन कारखाना . डीएम ने शीघ्रता से किसानों को मुआवजा देने का दिया निर्देश::::::::::ग्रीन फील्ड::::::::::::-मधेपुरा के चकला में शिविर लगा कर किसानों को दिया गया भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र- अब अंचल कार्यालयों में विशेष काउंटर पर होगा किसानों की समस्या का समाधान प्रतिनिधि, मधेपुरामधेपुरा का विकास अब उड़ान भरने को तैयार है. मधेपुरा में ग्रीन फील्ड विद्युत रेल इंजन कारखाना निर्माण का रास्ता साफ होते ही शहर के चहूमूंखी विकास का द्वारा खुल गया. यह रेल कारखाना मधेपुरा के लिए मील का पत्थर साबित होगा. इससे हजारों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे. साथ ही शहर में लाखों का निवेश होगा. इससे पहले ग्रीन फील्ड विद्युत रेल इंजन कारखाना निर्माण को लेकर जारी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में अब तक 141 भू स्वामियों के बीच 17 करोड़ 28 लाख रुपये मुआवजा का भुगतान किया जा चुका है. सोमवार को जिला पदाधिकारी मो सोहैल ने अधिग्रहण की प्रक्रिया में जुटे अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे. बैठक के दौरान उपस्थित अंचलाधिकारी मिथिलेश कुमार ने बताया कि चकला गांव में कैंप आयोजित कर अब तक 222 भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र निर्गत किये जा चुके हैं. इनमें रैयतों की संख्या ढाई सौ से अधिक है. वहीं दाखिल खारिज के लंबित पड़े मामलों में भी 44 मामले का निबटारा किया जा चुका है. जिला भूर्जन पदाधिकारी अरूण कुमार झा ने बताया कि आठ जनवरी तक निर्गत किये गये भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र के आधार पर 141 भू स्वामी के 17 करोड़ 28 लाख मुआवजे राशि का चेक वितरित किया जा चुका है. वहीं अंचलाधिकारी ने बताया कि अधिग्रहण क्षेत्र में पड़ने वाले बिहार सरकार के पांच एकड़ 93 डिसमल भूमि का प्रस्ताव भी भेजा गया है. समीक्षा बैठक के दौरान डीएम ने कहा कि अधिग्रहण के मुआवजा का भुगतान युद्ध स्तर पर किया जाय. भूस्वामियों को किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं हो इसका विशेष ध्यान रखा जाय. भूमि के दस्तावेत संबंधी किसी भी समस्या के निष्पादन के लिए अंचल कार्यालय परिसर में विशेष काउंटर लगाकर किसानों को सुविधा उपलब्ध करवायी जाय. वही अंचलाधिकारी बताया कि चकला गांव में शिविर बंद कर अंचल कार्यालय में शुरू किया गया है. अधिग्रहण से संबंधित भूमि के सभी मामलों का निबटारा अंचल कार्यालय में निरंतर किया जायेगा. बैठक में अंचल निरीक्षक गजेंद्र सिंह, अमीन और कर्मचारी उपस्थित थे. 20 हजार करोड़ की लागत से फ्रांस की कंपनी मधेपुरा में बनायेगी कारखाना प्रतिनिधि, मधेपुरा तमात अटकलों के बाद मधेपुरा में ग्रीन फील्ड विद्युत रेल इंजन कारखाना निर्माण कार्य कुछ ही दिनों में शुरू होने की संभावना बन गयी है. नवंबर में ही रेल मंत्रालय ने बिहार के वर्षों से लंबित चली आ रही दो रेल इंजन कारखाना की टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर लिया था. जिसमें मधेपुरा में बीस हजार करोड़ की लागत से रेल विद्युत इंजन कारखाने का निर्माण होगा. लेकिन भूमि अधिग्रहण को लेकर फंसे पेच के कारण तीन महीनों से निर्माण की दिशा में एक कदम भी नहीं बढ़ाया गया था. हालांकि अब मधेपुरा में रेल इंजन कारखाना निर्माण की राह आसान हो गयी है. भूस्वामी जमीन का मुआवजा ले रहे हैं. मधेपुरा में बनने वाले विद्युत रेल इंजन कारखाना के निर्माण की जिम्मेदारी फ्रांस की सबसे बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनी ऑल्सटॉम को दी गयी है. ये परियोजनाएं पूरी तरीके से एफडीआइ (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) पर आधारित है. यह प्रधानमंत्री की मेक इन इंडिया की अब तक की सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है. इसके बारे में ग्रीन फील्ड विद्युत रेल इंजन कारखाना के चीफ इंजीनियर राजेश कुमार ने बताया कि जल्द ही रेल इंजन कारखाना निर्माण का कार्य शुरू हो जायेगा. जमीन अधिग्रहण के लिए जिला प्रशासन की ओर से मांगी गयी राशि रेल मंत्रालय ने मुहैया करा दी है. वहीं आर्बिट्रेटर सह कोसी आयुक्त द्वारा जो दर तय किया गया है उसे पर रेलवे ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है. गौरतलब है कि विगत एक नवंबर को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मधेपुरा आये थे तो उन्होंने चुनाव के बाद मधेपुरा में लंबित रेल इंजन परियोजना को गति देने की बात कही थी. 2007 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने मधेपुरा और मढ़ौरा में रेल इंजन कारखाना बनाने की घोषणा की थी लेकिन अब तक रेलवे राशि के अभाव का रोना रोती रही थी. तीन सौ एकड़ जमीन अधिग्रहण का है प्रस्तावप्रतिनिधि, मधेपुरातत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में मधेपुरा में रेल इंजन कारखाना के लिए श्रीपुर चकला गांव के पास तीन सौ एकड़ जमीन अधिग्रहित कर कारखाना निर्माण की दिशा में विभागीय कार्रवाई पूर्ण की गयी थी. इसके बाद अधिग्रहित जमीन के खाता खेसरा के साथ कई दैनिक पत्रों में गजट भी प्रकाशित किया गया. जब तक लालू यादव रेल मंत्री रहे, तब तक रेल मंत्रालय द्वारा काफी उत्सुकता के साथ कागजी प्रक्रिया पूरी की जाती रही. इसी दौरान सैकड़ों भू स्वामियों को मुआवजा भी दे दिया गया था. लेकिन लालू यादव के रेल मंत्री से हटते ही मंत्रालय कारखाना निर्माण के दिशा में सुस्त पड़ गयी.भूमि अधिग्रहण का किसान कर रहे थे विरोध- 2013 एक्ट एवं 2014 के प्रधानमंत्री के अध्यादेश के तहत ही अधिग्रहण का मुआवजा देने की मांग कर रहे थे मधेपुरा . मधेपुरा में विद्युत रेल इंजन कारखाना को लेकर भूमि अधिग्रहण के मामले में लंबे समय से गतिरोध चल रहा था. अधिग्रहण की जद में आने वाले किसान अधिग्रहित भूमि का मुआवजा 2013 एक्ट एवं 2014 के प्रधानमंत्री के अध्यादेश के तहत देने की मांग कर रहे थे. किसानों का कहना है कि अगर उनकी जमीन का अधिग्रहण 2013 एक्ट एवं 2014 के प्रधानमंत्री के अध्यादेश के तहत दी गयी सुविधाओं के अनुसार नहीं किया जाता है तो वे लोग अधिग्रहण प्रक्रिया का विरोध करेंगे. बाद में रेलवे के सक्षम पदाधिकारी किसानों से सीधी बातचीत कर रास्ता निकाला और आर्बिट्रेटर सह कोसी आयुक्त ने जमीन की दर तय की इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सकी.
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141 किसानों को मिला 17.28 करोड़ मुआवजा
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