मधेपुरा : जिला मुख्यालय स्थित बीएन मंडल स्टेडियम परिसर में सोमवार को विश्वविद्यालय स्तरीय नियोजन सह व्यावसायिक मार्ग दर्शन मेला का आयोजन किया गया. मेला का उद्घाटन श्रम संसाधन विभाग के प्रमंडलीय नियोजक उप निर्देशक एसके वर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि नियोजन मेला युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में एक सार्थक पहल है. असंगठित क्षेत्र के नियोजक ऐसे अवसरों से अधिक से अधिक लाभ उठा सके. जिसके लिए श्रम संसाधन विभाग द्वारा ऐसे मेले का आयोजन करती है.
मौके पर जिला नियोजन पदाधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि सरकार आपके द्वार की नीति पर चलते हुए अब असंठित श्रौतों से अत्यधिक नियोजन अवसर को ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध करवाया जा रहा है.
ग्रामीण बेरोजगार गरीबी के कारण नौकरी की खोज में दूर तक नहीं जा सकते. लेकिन जिला स्तर पर लगने वाले इस मेले से रोजगार के अवसर आसानी से प्राप्त कर सकते है. वही विश्वविद्यालय स्तरीय नियोजन मेले में युवाओं की अच्छी खासी भीड़ उमड़ पड़ी थी. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार के मेले में 11 निजी कंपनियों के द्वारा स्टॉल लगाकर युवाओं से बायो डाटा लिया जा रहा था.
वहीं नियोजन मेले में एक भी अच्छी कंपनी के नहीं आने से सैकड़ों बेरोजगार परेशान नजर आ रहे थे. मेला परिसर में बायोडाटा फॉर्म की बिक्री को लेकर भी बेरोजगार युवक सवाल उठा रहे थे. उद्घाटन समारोह में मुख्य रूप से श्रम संसाधन विभाग के नजीर हैदर, सरोज कुमार , शंभु प्रसाद गुप्ता, विमल कुमार आदि उपस्थित थे.
इन कंपनियों ने लगाया स्टॉल सोमवार को जिला मुख्यालय में आयोजित विश्वविद्यालय स्तरीय नियोजन सह मार्गदर्शन मेला में आइटी क्षेत्र की कंपनी स्कारपीक्स इंडिया, राजस्थान टैक्स कैंम लिमिटेड, शिव शक्ति बायो टेक्नोलॉजी, यशस्वी ग्रुप, साईं बायो टेक, रिलाइंस लाइफ इंशोरेंस, होप केयर सर्विस इंडिया लिमिटेड, एसआइएस, मिसा स्किर, जी फॉर एस और एसएलभी कंपनी ने अपना स्टॉल लगाया था.
मधेपुरा : जिला मुख्यालय स्थित बीएन मंडल स्टेडियम में सोमवार को आयोजित नियोजन मेला में नौकरी के सीमित विकल्प को देख कर शिक्षित युवा परेशान नजर आ रहे थे. ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय स्तर के इस नियोजन मेले में सेक्यूरिटी गार्ड और बीमा अभिकर्ता जैसे रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाये जा रहे थे.
जबकि नियोजन मेला की सूचना पर सैकड़ों उच्च शिक्षित युवक रोजगार की आस में पहुंचे थे. सदर प्रखंड के मधुबन पंचायत निवासी हिमांशु कुमार सुमन ने बताया कि मेले में जो भी स्टॉल लगे है.
सब पर नन मैट्रिक स्तर के रोजगार के लिए फॉर्म लिया जा रहा था. अब वापस जा रहे है. मधेपुरा निवासी बबलू कुमार ने बताया कि वह भागलपुर में रह कर पढ़ाई कर रहे है. नियोजन मेला की खबर सुनकर भागलपुर से रोजगार के लिए मधेपुरा आये थे. लेकिन आना बेकार हुआ.
गम्हरिया प्रखंड के जीवछपुर गांव निवासी सतीश कुमार मेहता ने कहा कि नियोजन विभाग मेले के नाम पर महज खानापूर्ति कर रहा है. टोका गांव के गौरव कुमार ने कहा कि शिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में सरकार सजग नहीं दिखाई दे रही है.
मधेपुरा निवासी बंटी कुमार ने बताया कि वह आधा दिन नियोजन मेला में गुजारने के बाद वापस घर जा रहे है. वहीं सहरसा में एक निजी क्लिनिक पर नौकरी कर रहे शिक्षित युवक पप्पू कुमार सुमन ने कहा कि नियोजन मेला के चक्कर में एक दिन की मजदूरी और यात्रा खर्चा दोनों बेकार हो गया.
ज्ञात हो कि ब्रांडेड कंपनी के नहीं आने से कई युवक नाराज और निराश हो कर नियोजन मेला से वापस चले गये. दो रुपये में बिक रहा था बायोडाटा फॉर्म. मैदान में स्टॉल लगा कर बिकते बायोडाटा फॉर्म
मधेपुरा : नियोजन मेला परिसर में दर्जनों जगह मैदान में पन्नी बिछाकर बायोडाटा फॉर्म बेचे जा रहे थे. बायोडाटा फॉर्म की बिक्री से भी कई युवा बेरोजगार परेशान नजर आ रहे थे. पटना के व्यवसायी धनीलाल और उमेश कुमार ने बताया कि वह बायोडाटा फॉर्म छपवाकर सभी रोजगार मेला में प्रति फॉर्म दो रूपये पीस बेचता है.
बेरोजगार युवकों ने एक पेज के बायोडाटा फॉर्म का दो रूपया कीमत रहने पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जब सरकार स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए नियोजन मेला लगाती है तो फॉर्म भी मुफ्त में उपलब्ध होना चाहिए. — वर्जन — मधेपुरा सहित अन्य छोटी जगहों पर बड़ी कंपनियां आना नहीं चाहती है. विभाग के लाख प्रयास के बावजूद कंपनी के अधिकारी बहाना बना कर टाल देते हैं. अगले नियोजन मेला में बड़ी कंपनियों को बुलाया जायेगा. राजेश कुमार, जिला नियोजन पदाधिकारी, मधेपुरा.