मधेपुरा : जिले में पिछले दो दिनों से ठंड ने दस्तक दे दी है. शाम होते ही सर्दी का एहसास होने लगता है, जो रात भर तेज हो जाती है. ठंडी की शुरूआत में लापरवाही बतरने के कारण लोग बीमार पड़ने लगे है. खास कर रात में सफर करने वालों को परेशानी होती है.
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पछुआ हवा बहने से ठंड ने दी दस्तक, निकले गर्म कपड़े
मधेपुरा : जिले में पिछले दो दिनों से ठंड ने दस्तक दे दी है. शाम होते ही सर्दी का एहसास होने लगता है, जो रात भर तेज हो जाती है. ठंडी की शुरूआत में लापरवाही बतरने के कारण लोग बीमार पड़ने लगे है. खास कर रात में सफर करने वालों को परेशानी होती है. हालांकि […]
हालांकि लोगों ने एहतियात बरतते हुए गर्म कपड़े निकाल लिये हैं. वहीं बाजार में भी उलेन कपड़ों की मांग बढ़ गयी है. ठंड के दस्तक देते ही डॉक्टरों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है. ठंड धीरे-धीरे अब बढ़ने लगी है. अब तक जहां रात में एक चादर से काम चल जाता था. पछुआ हवा चलने से लोग अब कंबल का सहारा लेने लगे हैं.
शाम में गर्म कपड़े का करें प्रयोग : रात गर्म भोजन का उपयोग करें, रात के समय गर्म पानी से स्नान करें, शाम के बाद पानी को उबाल कर पीएं , शाम से लेकर सुबह तक खुले बदन बाहर न निकलें , बुढ़े व बच्चे रात के समय में नहीं घूमें.
गर्म कपड़ों की होने लगी डिमांड: रेडिमेड दुकानों में ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही है. उलेन कपड़ों में खास कर जैकेट, स्वेटर, मंकी टोपी की मांग अधिक है. शहर स्थिति विभिन्न कंपनी के शो रूम में गर्म कपड़े खरीदने के लिए ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही है.
ठंड के दस्तक देते ही बाजार में गरम कपड़े की दुकान भी सजने लगी है. सेल के साथ-साथ बाजार की दुकानों में भी ऊनी कपड़े पहुंच गये हैं. इसके अलावा शाल, कंबल, रजाई आदि की बिक्री भी आरंभ है. कपड़ा दुकानों का लुक ठंड ने बदल दिया है. ठंड को लेकर व्यवसायियों ने तैयारी कर ली है.
ग्राहक भी दुकानों पर पहुंचने लगे हैं. ठंड को लेकर यहां बड़ी संख्या में बाहर के व्यापारी भी पहुंचते हैं, जो यहां से थोक के भाव गर्म कपड़े दुकानदारों को दे जाते हैं. हालांकि अभी गर्म कपड़ों की बिक्री रफ्तार नहीं पकड़ी है, लेकिन दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक इसमें तेजी आने की उम्मीद व्यवसायियों को भी है.
डॉक्टर देते है सावधानी बरतने की सलाह: डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के शुरुआती दौर में विभिन्न बीमारियों का हमला हो सकता हैं. जिसमें मुख्य रूप से सर्दी खांसी, बुखार, कोल्ड डायरिया, लकवा, चक्कर आना, पेट दर्द आदि बीमारी का सामना करना पड़ सकता हैं.
इससे बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने की आवश्यकता हैं. खास कर वृद्ध व बच्चे को एहतियात बरतने की जरूरत हैं. डॉक्टरों ने कहा कि ठंड के समय में बदन को पुरी तरह ढ़क कर चले. वहीं ताजा खाना का सेवन करें.
ओस के साथ कुहासे का असर: रात में ओस की बूंदों के साथ-साथ सुबह में कुहासे का असर रहता है. ठंड बढ़ने के साथ ही रात आठ बजे के बाद बाजार और सड़कों पर लोगों की चहल-पहल कम होती जा रही है.
बढ़ी स्कूली बच्चों की मुश्किल: ठंड के शुरू होते ही स्कूली बच्चों की मुश्किल बढ़ गयी है. सवेरे-सवेरे ठंड में स्कूल के लिए निकलना उनके लिए कष्टकारी हो रहा है. चूंकि सुबह में हल्की ठंड रहती है.
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