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ट्रेन में एस्कॉर्ट नहीं रहने से मालामाल हो रहे कारोबारी

मधेपुरा : न खाता न बही, रेल पुलिस जो बोले वही सही. इसी बात को आधार मान इन दिनों मधेपुरा-मानसी रेलखंड पर चलने वाली रेलगाड़ियों में अवैध रूप से सामान की ढुलाई हो रही है. बगैर बुकिंग किये ही यात्री डिब्बे में कारोबारी अपने सामान को लोड कर एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाते हैं. […]

मधेपुरा : न खाता न बही, रेल पुलिस जो बोले वही सही. इसी बात को आधार मान इन दिनों मधेपुरा-मानसी रेलखंड पर चलने वाली रेलगाड़ियों में अवैध रूप से सामान की ढुलाई हो रही है. बगैर बुकिंग किये ही यात्री डिब्बे में कारोबारी अपने सामान को लोड कर एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाते हैं.

अवैध ढुलाई करने वालों द्वारा सवारी गाड़ी में बहुतायात मात्रा में दही व पनीर की खेंप सहरसा के बाद बैजनाथपुर, मिठाई व मधेपुरा स्टेशन पर उतारी जाती है. यह सारा खेल रेलवे के अधिकारी व पुलिस के सामने प्लेटफाॅर्म पर की जाती है.
इसके बावजूद रेलवे को हो रही राजस्व की क्षति को रोकने के बजाय कोई कवायद नहीं की जा रही है. ज्ञात हो कि रोजाना लगभग एक हजार दही का गैलन उक्त कारोबारियों द्वारा ट्रेन में लोड किया जाता है. एक गैलन में 20 किलो दही पैक किया जाता है. रोजाना 20 क्विंटल वजन के सामान की बुकिंग से होने वाले फायदे से रेलवे को दूर रखा जा रहा है.
यात्रियों को होती है परेशानी: सवारी डिब्बे में दही का गैलन लोड करने की वजह से यात्रियों को एक कंपार्टमेंट से दूसरे में आवाजाही करने में परेशानी होती है. कारोबारियों द्वारा सीटों के बीच में भी गैलन रख दी जाती है. यात्रियों द्वारा मना करने पर कारोबारी मारपीट तक के लिए तैयार हो जाते है.
खासकर दिन के दस बजे सहरसा से मधेपुरा के लिए खुलने वाली सवारी गाड़ी में ज्यादातर कामकाजी लोग ही सफर करते है, जबकि रेलवे द्वारा सख्ती बरतने से ऐसे तत्वों पर लगाम लगायी जा सकती है. इनलोगों द्वारा प्रत्येक बोगी में एक दरवाजे को बंद कर अपने सामान की सुरक्षा की जाती है. नतीजतन मधेपुरा स्टेशन पर चढ़ने व उतरने वाले यात्रियों को एक ही गेट के प्रयोग करने से दिक्कत होती है.
गर्मी में स्टेशन पर नहीं है पंखा, लोग परेशान : मधेपुरा. गर्मी से परेशान लोग का ट्रेनों में सफर करना बहुत ही मुश्किल हो गया है. गर्मी को देखते हुए भी स्टेशन पर पंखा तो है, लेकिन खराब पड़ा है. गर्मी के समय कई ट्रेनें लेट चल रही है. यात्रियों ने बताया कुछ ट्रेनें घंटे दो घंटे लेट चलती है.
गर्मी होने के कारण प्लेटफॉर्म बैठना किसी मुश्किल से कम नहीं है. चूंकि जो छोटी-छोटी सुविधा रेलवे प्रशासन आसानी से दे सकती है उसमें भी लापरवाही बरत रही है. स्टेशन पर पंखा, पूछताछ काउंटर की व्यवस्था नहीं है. रेल यात्रियों ने बताया कि पहले दोनों प्लेटफाॅर्म पर यात्रियों को ट्रेनों के आने की सूचना मिलती रहती थी, लेकिन आजकल यह सुविधा नहीं मिल पा रही है.
इससे परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं दूसरी ओर से चल रहे लोग का कहना है कि दोनों तरफ ऊंचाई कम है जिससे ट्रेनों पर चढ़ने में असुविधा होती है. प्लेटफॉर्म पर भी झुकने से कुछ लोग प्लेटफाॅर्म के नीचे की ओर से डिब्बे में चढ़ने लगते हैं. ऐसे में लोगों में दुर्घटनाग्रस्त होने का भय बना रहता है.
शौचालय तक इनका कब्जा
सहरसा से मधेपुरा सफर के दौरान अगर आपको प्रेशर आ जाये या आप यूरिनल की जरूरत महसूस कर रहे है, तो आपकी फजीहत तय है. कारोबारियों द्वारा शौचालय के सामने व आने-जाने वाले रास्ते तक में गैलन से भर देते है. खासकर महिलाओं व बच्चों को परेशानी होती है.

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