उदाकिशुनगंज : मुख्यालय सहित सभी सरकारी व गैरसरकारी विद्यालयों में प्रायोगिक उपकरण नहीं के बराबर हैं. न विद्यालयों में प्रयोगशाला ही कार्यरत है. विद्यालयों में कुछ प्रायोगिक सामग्री है भी तो सिर्फ शोभनीय वस्तु के रूप में. वर्षों से छात्र-छात्राएं प्रायोगिक परीक्षाओं में प्रायोगिक उपकरण के बिना ही परीक्षा देते आये हैं.
वर्षों से छात्र इन कमियों को कोसते भी नजर आ जाते हैं. विभाग के उदासीन रवैये से छात्रों का भविष्य अधर में है. विद्यालयों में वर्षों से उपकरण यूं ही कमरे में पड़ा हुआ धूल फांकता नजर आता है. परीक्षा देने आये कई छात्रों से जब उपकरणों के नाम की जानकारी ली गयी, तो सभी छात्रों ने हाथ खड़े कर दिये. उन्होंने कहा कि विद्यालय में कभी प्रायोगिक उपकरण के बारे में नहीं बताया गया है. कभी उपकरण के साथ पढ़ाई नहीं हुई है.
कला संकाय की छात्रा कुमारी प्रियंका, खुशबू कुमारी, अभिलाषा कुमारी, अलका कुमारी, ऋतु कुमारी, निधि कुमारी ने बताया कि प्रायोगिक परीक्षा के दौरान वाद्य यंत्र बजाने के लिए कहा जा रहा है जबकि विद्यालय में कोई वाद्य यंत्र उपलब्ध नहीं है. छात्रों की बातों में ही कई प्रश्न छुपे हुए थे. प्रधानाध्यापक महेंद्र गुप्ता ने प्रायोगिक उपकरण के बारे में कहा कि विद्यालय में कई उपकरण हैं लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण सामान ऐसे ही कमरे में पड़ा रहता है.