-परिजन सदमे में, पत्नी ने मानसिक स्थिति बिगड़ने का लगाया आरोप
-मंगलवार की देर शाम आईटीबीपी के जवान ने पहले पिता को मारी गोली बाद में स्वयं भी गोली मार कर ली थी खुदकुशी
-छपरा से आयी आईटीबीपी की विशेष टीम ने दिवंगत जवान को दी सलामी व श्रद्धांजलि
बड़हिया. स्थानीय थाना क्षेत्र के खुटहा चेतन टोला में मंगलवार की देर शाम आईटीबीपी के जवान विकास कुमार उर्फ नाटो द्वारा पिता की हत्या करने के बाद स्वयं खुदकुशी कर लिये जाने की दिल दहला देने वाली घटना के बाद गांव में अब भी मातम पसरा हुआ है. बुधवार को दोनों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया, लेकिन घटना ने कई सवाल और दर्द भरी यादें छोड़ दी है. पोस्टमार्टम के बाद पिता राम उदित सिंह के शव को उनके बड़े बेटे चुन्ना सिंह ने मुखाग्नि दी, जबकि जवान विकास को अंतिम विदाई उसके 11 वर्षीय बेटे अनुराग ने दी. बेटे द्वारा पिता को अग्नि देने का दृश्य देखकर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गयी. इस दौरान आईटीबीपी की विशेष टीम भी छपरा से पहुंची और जवान को सलामी देते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी. विकास की पत्नी शबनम देवी ने बड़हिया थाना में दिये आवेदन में दावा किया है कि पिछले वर्ष बाइक दुर्घटना में विकास के सिर में गंभीर चोट लगी थी, जिसके बाद से उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहती थी. वह इलाजरत भी था. पत्नी के अनुसार इसी अस्थिर मानसिक अवस्था में उसने वारदात को अंजाम दिया, हालांकि घटना से पहले का विवाद अब भी चर्चा में है. पड़ोसियों और परिजनों के अनुसार, विकास छुट्टी पर गांव आने के बाद अक्सर पत्नी से छोटे-छोटे वाद-विवाद में उलझ जाता था. मंगलवार को विकास बड़हिया बाजार गया था, जहां उसने एटीएम सक्रिय करवाया और अंडे खरीदकर लाया. उसने पत्नी से अंडे की सब्जी बनाने को कहा, लेकिन पत्नी ने विवाह पंचमी का हवाला देते हुए मना कर दिया. इसी मामूली बात से विवाद शुरू हुआ और कुछ ही मिनटों में इतना बढ़ गया कि गुस्से में विकास ने पिता राम उदित सिंह को दो गोलियां मार दीं. जिसमें एक आंख में, दूसरी छाती में लगी और उनकी मौके पर ही मौत हो गयी. इस बीच पत्नी भयभीत होकर कमरे से बाहर भाग गयी. गोली की आवाज सुनकर बड़े भाई चुन्नी सिंह पहुंचे, लेकिन विकास हथियार लेकर उनकी ओर बढ़ने लगा, जिससे वे भी घर से बाहर भागकर जान बचा सके. वहीं कुछ ही देर बाद विकास ने खुद के सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली. एसपी अजय कुमार और एसडीपीओ शिवम कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने घटनास्थल से हथियार और खोखे बरामद कर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है. थानाध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह ने बताया कि मामले की हर एंगल से जांच जारी है, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति, घरेलू तनाव और घटना से पहले की गतिविधियों को विशेष रूप से परखा जायेगा. विकास की मौत से पत्नी शबनम उसके दो छोटे बच्चे अनुराग और अभिषेक सदमे में हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार विकास पहले से तनाव में था. यदि समय पर इलाज और परिवार का सामंजस्य रहता, तो शायद दो जिंदगियां बच सकती थी. यह घटना परिवार, समाज और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी खतरनाक साबित हो सकती है. खुटहा चेतन टोला की यह दोहरी मौत सिर्फ एक पुलिस केस नहीं, बल्कि एक दुखद कहानी है. पारिवारिक तनाव, मानसिक अस्थिरता, संवाद की कमी और अचानक भड़के आवेश ने एक पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया, पुलिस जांच जारी है.
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