केवल सड़क किनारे जीवन यापन करने वाले छोटे एवं गरीब व्यवसायियों नहीं हो कार्रवाई
पोखर, आहर, पईन तथा सार्वजनिक भूमि बड़े पैमाने पर अतिक्रमण का हो चुके हैं शिकार
लखीसराय. जिला शैक्षणिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, व्यावसायिक तथा कृषि की दृष्टि से सदैव समृद्ध रहा है. स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भी लखीसराय एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा, जहां से अनेक महान विभूतियों ने देश-निर्माण में उल्लेखनीय योगदान दिया. राजनीतिक चेतना और सजगता के मामले में लखीसराय का स्थान तब भी महत्वपूर्ण था और आज भी है. उपरोक्त बातें भाकपा जिला कार्यकारिणी सदस्य सह अधिवक्ता रजनीश कुमार ने कही.उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से लखीसराय एक संपन्न क्षेत्र रहा है. यहां उपजाऊ कृषि भूमि के साथ-साथ जंगल, पहाड़, नदियां, तालाब, पोखर और आहर-पईन की समृद्ध परंपरा रही है. ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार लखीसराय क्षेत्र में कभी 52 विशाल पोखर हुआ करते थे, जिनका उल्लेख आज भी राजस्व नक्शों में उपलब्ध है. दुर्भाग्यवश, प्रशासनिक अक्षमता और राजनीतिक अदूरदर्शिता के कारण ये पोखर, आहर, पईन तथा सार्वजनिक भूमि बड़े पैमाने पर अतिक्रमण का शिकार हो चुके हैं. स्थिति यह है कि वास्तविक और स्थायी अतिक्रमण हटाना प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गया है.उन्होंने कहा कि शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के नाम पर जिला प्रशासन की कार्रवाई केवल सड़क किनारे फुटपाथ पर जीवन यापन करने वाले छोटे एवं गरीब व्यवसायियों तक ही सीमित रह जाती है. बड़े और स्थायी अतिक्रमणों पर कार्रवाई करने के बजाय छोटे विक्रेताओं को दंडित करना प्रशासन की एकमात्र “उपलब्धि” बनकर रह गयी है. शहर स्थित मनसिंघा पईन, पोखरों एवं अन्य जलस्रोतों से अतिक्रमण हटाने के प्रश्न पर जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूल जाते हैं. माननीय न्यायालय के आदेश के आलोक में अतिक्रमित भूमि की पहचान कर लाल निशान लगाये गये थे, किंतु आज तक उन आदेशों का प्रभावी अनुपालन नहीं हो सका है.उन्होंने साफ कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) जिला प्रशासन से स्पष्ट मांग करती है कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीब, असहाय एवं छोटे व्यवसायियों का उत्पीड़न तत्काल बंद किया जाय, स्थायी एवं बड़े अतिक्रमणों जैसे पोखर, आहर, पईन, सड़क एवं केसरे-ए-हिंद भूमि को स्पष्ट रूप से चिन्हित किया जाय, अतिक्रमणकारियों की सूची सार्वजनिक की जाय, न्यायालय के आदेशों के अनुरूप निष्पक्ष एवं प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाय,उन्होंने कहा कि भाकपा का मानना है कि केवल इसी मार्ग से अतिक्रमण की समस्या का स्थायी, न्यायसंगत और जनहितकारी समाधान संभव है.—————————————————————————————————डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

