नाथ पब्लिक स्कूल में शिक्षक संगोष्ठी आयोजित लखीसराय. जवाहर नवोदय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ सुचित कुमार ने कहा है कि शिक्षक बच्चों के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के हकदार होते हैं. उन्हें हमेशा कर्तव्य और दायित्व के प्रति सचेत रहनी चाहिए. दायित्वों के निर्वहन से ही व्यक्ति में आत्म विश्वास पैदा होता है. पूर्व प्राचार्य डॉ सुचित कुमार रविवार को नाथ पब्लिक स्कूल में बौद्ध बिहार प्रतिष्ठान के तत्वावधान में आयोजित शिक्षक संगोष्ठी को मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे. इससे पहले नाथ पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर विश्वनाथ प्रसाद, डॉ सुचित कुमार एवं प्रभारी विद्या सागर राजवीर ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. मुख्य अतिथि जवाहर नवोदय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ सुचित कुमार ने शिक्षकों को स्मार्ट सेलरी के लिए आदर्श शिक्षक होने के मर्म को रेखांकित करते हुए कहा कि एक शिक्षक और केवल एक शिक्षक ही अपने छात्रों को मिलों दूर से प्रभावित कर सकता है. उन्होंने कहा कि किसी छात्र को पूर्णरूपेण समझने के लिए उसके भौगोलिक मनोदशा को समझना होगा. उसके अनुरूप आचरण करना होगा. छात्रों को स्नेह और प्यार की चासनी में रोटी को लपेट कर परोसना होगा, तभी छात्रों में शिक्षा के प्रति रूचि व जागरूकता बढ़ेगी. इस दौरान डॉ सुचित ने ब्लैक बोर्ड पर प्वाइंट आउट कर व्याख्या भी दिया. स्वामी विवेकानंद और रूसो के विचारों का कई उदाहरण भी दिया. नाथ पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर विश्वनाथ प्रसाद ने शिक्षा के महत्व एवं छात्रों के महत्वाकांक्षा को समझने पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान परिवेश (मोबाइल) युग में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों को बच्चों के मनोदशा को समझने और उससे तेज मनोदशा बनाये रखने पर जोर दिया. कार्यक्रम का संचालन नाथ पब्लिक स्कूल के प्रबंधक नाथ अमिताभ ने की. संगोष्ठी में शिक्षक दिलीप कुमार, सुरेंद्र प्रसाद, बिंदु कुमारी, सोनी कुमारी, अमरेश कुमार, गुंजेश कुमार,मनोज झा, रजनीश कुमार, दीपक कुमार, अभिषेक कुमार, विमल कुमार झा, अमरजीत कुमार, आयुष कुमार,अंजली कुमारी, मिहिर कुमार, कौशल किशोर अंबष्ट, सुनील कुमार, दीपक सिंहा, सोनाली, वंदना, निधि, शिवानी व छोटी कुमारी मौजूद थे.
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