अधिकतम पारा 39 डिग्री पहुंचा, गर्मी से परेशान रहे लोग
मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक अभी चार दिन और गर्मी से रहेगी परेशानी, उसके बाद मिल सकती है राहत
सूर्यगढ़ा. गर्मी एक बार फिर अपना प्रचंड रूप अख्तियार कर रहा है. चिलचिलाती धूप व उमस के चलते लोग सुबह से अपने घरों में कैद होने को मजबूर हो रहे हैं. गर्म हवा लोगों को झुलसा रहा है. सोमवार की तुलना में मंगलवार को अधिकतम तापमान में एक डिग्री का इजाफा हुआ. शहर का अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से बढ़कर 39 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. जिससे आम जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त नजर आ रहा है. आने वाले चार दिनों में तापमान में विशेष अंतर नहीं आने की संभावना व्यक्त की जा रही है. वहीं आर्द्रता के चलते लोगों को 42 डिग्री सेल्सियस की गर्मी सता रही है. आग उगलती सूरज किरणें व तन झुलसा देने वाली धूप से लोग बिलबिला रहे है. मंगलवार को भी तापमान 39 डिग्री पहुंच जाने से धूप व तपिश का आलम यह रहा कि दोपहर बाद सड़कों पर पूरी तरह सन्नाटा पसर गया. जरूरी काम से निकले दोपहिया वाहनों पर सवार लोग सिर से पांव तक पूरी तरह अपने आपको ढंके नजर आ रहे थे. तन झुलसाती धूप व तपिश से चढ़े पारे के चलते लोग बेहाल है. बाजार खाली पड़े है. भीषण गर्मी से पूरे दिन जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. दोपहर के समय बाजार और सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है. इस गर्मी के मौसम में पावर कट की समस्या भी लोगों को परेशान कर रहा है. कभी तेज हवा तो कभी फाल्ट की वजह से बिजली कट रही है. गर्मी ने लोगों को पूरी तरह से बेदम कर दिया है. ऐसे में शीतल पेय पदार्थों, जूस की दुकानों पर लोगों की भीड़ भी बढ़ गयी है. भीषण गर्मी से जनजीवन प्रभावित गर्मी के तल्ख तेवर ने जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर डाला है. लोगों की दिनचर्या बदल चुकी है. सुबह या फिर शाम में ही लोग जरूरत का सामान खरीदने के लिए बाजारों का रुख कर रहे है. दिनभर तो जैसे सड़कों पर अघोषित कर्फ्यू सा नजारा है. गर्मी पूरे शबाब पर है.भीषण गर्मी के कारण बीमार हो रहे लोग
गर्मी तेज होने के साथ ही बीमारियां भी बढ़ गयी है. प्रचंड गर्मी में उल्टी-दस्त, डिहाइड्रेशन व बुखार के मरीज सर्वाधिक हैं. चिकित्सकों की मानें तो शरीर का तापमान बढ़ने से शरीर में पानी की कमी हो रही है. चिकित्सक डॉ. मृत्युंजय कुमार सिंह ने बताया कि गर्मियों में खाना अक्सर प्रदूषित हो जाता है. इससे प्रभावित व्यक्ति उल्टी, दस्त, पेट दर्द का शिकार हो जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले ज्यादातर मरीज इन्हीं बीमारियों के शिकार हो रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है