लखीसराय. गंगा व उसकी सहायक नदियों के जलस्तर में लगातार गिरावट दर्ज की गयी है, जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिली है. गंगा किऊल और हरूहर नदी का जलस्तर घटा है, लेकिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में अभी भी आवागमन का रास्ता स्थापित नहीं हो पाया है. खेत अभी भी जलमग्न है. एक-दो दिनों में खेतों का पानी भी निकल जायेगा, जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि किसान धान की फसल काट पाएंगे या नहीं. बभनगामा के किसान सह सेवानिवृत्त किसान सलाहकार मृत्युंजय सिंह ने बताया कि कुछ खेतों का पानी निकल गया है, लेकिन धान के पौधे को नुकसान पहुंचा है. इधर, किऊल नदी के जलस्तर में गिरावट से रामपुर, मानो, बोरना, सैदपुरा के कुछ खेतों से पानी निकल गया है. किसानों को भी काफी राहत मिली है. हरूहर नदी का पानी भी काफी कम हो गया है. आरलाल कॉलेज के पास सम्राट भवन में राहत सामग्री के पैकेट पैक किए जा रहे हैं, लेकिन अब इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है. इसके लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों की ओर से स्वास्थ्य विभाग को कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं. बाढ़ का पानी घटने के साथ ही लोगों में सांप-बिच्छू का भय भी बढ़ गया है, वहीं दूसरी ओर बाढ़ का पानी कम होने से जिला प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है. एसडीओ प्रभाकर कुमार ने बताया कि गंगा और सहायक नदियों का जलस्तर घटा है. पशु चारा और राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है.
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