आदर्श आचार संहिता समाप्त होते ही स्थायी समाधान की दिशा में कार्य का दिया आश्वासन
बड़हिया. नगर परिषद क्षेत्र में जल निकासी की अव्यवस्थित व्यवस्था ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. सोमवार को किसानों की शिकायत पर जिलाधिकारी बड़हिया पहुंचे व हालात का जायजा लिया. उन्होंने नवोदय विद्यालय के समीप स्थित खेतों व बगीचों के साथ-साथ नागवती स्थान, बाहापुल, गंगतिरि व हिरदनबीघा जैसे प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान डीएम ने ग्रामीणों व किसानों से बातचीत की. किसानों ने बताया कि नगर क्षेत्र का गंदा व उपयोग बाद पानी खेतों में फैलने से सैकड़ों एकड़ भूमि जलमग्न हो गयी है. फलदार पेड़ सूख रहे हैं. रबी फसलों की बुआई भी रुक गयी है. किसानों ने कहा कि पहले क्षेत्र में जल निकासी की पुरानी व्यवस्था बहुत कारगर थी. गंगतिरि मार्ग से होकर पानी का प्रवाह गंगा नदी तक पहुंचता था. समय के साथ नये निर्माणों व सड़कों ने पानी के प्राकृतिक रास्तों को रोक दिया है. डीएम ने निरीक्षण के बाद बताया कि शुरू में लगा था कि यह पानी मानसूनी वर्षा का अवशेष है. निरीक्षण के बाद स्पष्ट हुआ कि नगर परिषद क्षेत्र का गंदा पानी ही खेतों में फैल रहा है. उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी निकल चुका है, लेकिन शहर का निकासी जल अब भी खेतों में ठहरा हुआ है, जिससे वासंतिक फसलों की तैयारी प्रभावित हो रही है. डीएम ने माना कि यह स्थित अब आपदा जैसी बनती जा रही है. उन्होंने कहा कि भले ही आचार संहिता प्रभावी है, लेकिन किसानों की समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. आचार संहिता समाप्त होते ही तकनीकी विशेषज्ञों के सहयोग से स्थायी समाधान की दिशा में कार्य शुरू किया जायेगा. उन्होंने बताया कि अगले एक सप्ताह में क्षेत्र के फ्लो, हाइट और रिलीफ का सर्वे कराया जायेगा, ताकि भविष्य में जल निकासी का स्थायी तंत्र तैयार किया जा सके. निरीक्षण के दौरान सीओ राकेश आनंद, नगर कार्यपालक पदाधिकारी राकेश कुमार साकेत, स्वच्छता पदाधिकारी राकेश रौशन, नगर सभापति प्रतिनिधि सुजीत कुमार समेत कई स्थानीय किसान मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

