लखीसराय.
राज्य सरकार का महिला संवाद कार्यक्रम आधी आबादी की इच्छाओं व आकांक्षाओं को पूरा करने में अहम भूमिका अदा करने की राह पर है. यह एक ऐसा कार्यक्रम है जहां से गांव के विकास की रूपरेखा गांव की आधी आबादी को तय करने की ओर अग्रसर कर रहा है. महिला संवाद कार्यक्रम को आयोजित करने की जिम्मेवारी राज्य सरकार ने जीविका को सौंपी है. जीविका अपने ग्राम संगठन के माध्यम से राज्य के सभी गांव में प्रतिदिन दो महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित कर रही है. जिले के गांवों में जीविका द्वारा गठित 548 ग्राम संगठन के माध्यम से प्रतिदिन सुबह नौ बजे एवं शाम तीन बजे से महिला संवाद रथ द्वारा महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. आधी आबादी की आकांक्षाओं का अनुपालन कराते हुए गांव के विकास का पैमाना निर्धारित करना एवं बिहार सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से चलायी जा रही. विभिन्न योजनाओं की जानकारी और उससे महिलाओं को मिल रहे लाभ को आम जन मानस तक पहुंचाया जा रहा है. संवाद रथ आधुनिक टीवी स्क्रीन से सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है. महिला संवाद के सभी आयोजनों में वीडियो तथा ऑडियो प्रसारण के माध्यम से लोगों तक योजनाओं की जानकारी दी जा रही है. कार्यक्रमों में उपस्थित दीदियां अपना अनुभव साझा करते हुए सरकार की पहल से स्वयं में आये सकारात्मक बदलाव को न केवल बता रही हैं. बल्कि अपने गांव और समाज को और अधिक उन्नत, समृद्ध तथा विकासशील गांव-समाज बनाने के लिए अपनी परिकल्पनाओं को सरकार तक पहुंचा रही हैं.ढाई सौ से अधिक महिलाएं शिरकत कर रहीं शिरकत
रविवार को जिले के सदर प्रखंड की साकिबपुर में कंगन ग्राम संगठन व शाम में बालगुदर में फूल ग्राम संगठन द्वारा, हलसी के प्रतापपुर में संस्कार ग्राम सगठन एवं हलसी में सुहावन ग्राम संगठन, चानन के इटौन में आराधना ग्राम संगठन एवं जानकीडीह में भारती ग्राम संगठन, रामगढ़ चौक के औरे गांव में मानसरोवर ग्राम संगठन एवं भंवरिया में दीपक ग्राम संगठन तथा सूर्यगढ़ा के अवगिल रामपुर में प्रगति ग्राम संगठन एवं किरणपुर में मायरा ग्राम संगठन द्वारा महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया. प्रतिदिन दो चरणों में आयोजित इस कार्यक्रम में ढाई सौ से अधिक महिलाएं शिरकत कर रही हैं और अपनी इच्छाओं और आकांक्षाओं को सूचीबद्ध करा रही हैं. सूची का विवरण एप पर भी प्रविष्टि करायी जा रही है, आमतौर पर सार्वजनिक शौचालय, पोखर, सामुदायिक अस्पताल, पुस्तकालय, सड़क निर्माण और बुनियादी सुविधाओं को और बेहतर बनाने एवं गांव में लाने की बात कर रही हैं. सभी महिला संवाद कार्यक्रमों में कई महिलाओं ने जीविका से संबद्ध स्वयं सहायता समूह से जुड़कर जीवन में आये सामाजिक तथा आर्थिक बदलाव को साझा किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है