किऊल रेलवे इंस्टीच्यूट की 75वीं दुर्गा पूजा समारोह के आयोजन
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मां दुर्गा की पूजा से नाश होता महाकाल का प्रकोप
किऊल रेलवे इंस्टीच्यूट की 75वीं दुर्गा पूजा समारोह के आयोजन की तैयारियां जारी हीरक जयंती पूजनोत्सव को अभूतपूर्व बनाने की कोशिश परवान पर लखीसराय : आजादी के पूर्व तत्कालीन यार्ड मास्टर जक्सन लॉड की अगुवाई में दिवंगत पुजारी पंडित पार्वती नंदन न्याय शास्त्री , प्रो दुलाल चक्रवर्ती एवं मंदिर पुजारी कुंज बिहारी पांडेय की संयुक्त […]
की तैयारियां जारी
हीरक जयंती पूजनोत्सव को अभूतपूर्व बनाने की कोशिश परवान पर
लखीसराय : आजादी के पूर्व तत्कालीन यार्ड मास्टर जक्सन लॉड की अगुवाई में दिवंगत पुजारी पंडित पार्वती नंदन न्याय शास्त्री , प्रो दुलाल चक्रवर्ती एवं मंदिर पुजारी कुंज बिहारी पांडेय की संयुक्त देखरेख में सामाजिक अंध विश्वास, बुराइयों एवं कुप्रथाओं को दूर करने के लिए बंगाली रीति के अनुसार जिला स्थित किऊल रेलवे इंस्टीच्यूट में श्री श्री 108 दुर्गा पूजा प्रतिमा प्रतिष्ठापन का शुभारंभ वर्ष 1942 में किया गया. विदित हो कि उस समय किऊल इलाकों में आबादी का सघन रहन सहन न होकर जंगलों एवं झाड़ियों की भरमार लगी होती थी.
बावजूद किऊल रेलवे में बंगाली समुदाय के लोग रेलवे ड्यूटी में आवासीय क्वार्टर में अपना प्रवास करते थे. उस वक्त इन इलाको में प्रेत छाया, भूत पिचाश का प्रकोप ज्यादा माना जाता था. संभवत: महाकाल के इन प्रकोपों के मद्देनजर ही बंगाली समुदाय के रेलकर्मियों की अगुवाई में शक्ति दायिनी माता दुर्गा की प्रतिमा पूजन के साथ इन इलाकों में सामाजिक खुशहाली अमन चैन एवं अंध विश्वास का धीरे धीरे खात्मा हो गया.
आजादी पूर्व से इस दुर्गा मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा को देखने के लिए चानन के दर्जनों जंगली एवं पहाड़ी गांवों के लोग अब तक इस मंदिर में पहुंच कर माता की पूजा अर्चना एवं आराधना के लिए हाजिर होते हैं.
माता की प्रतिमा विसर्जन के तालाब भी पूर्णत: पुराने हैं और उसमें कोई बदलाव होने पर जगत जननी माता दुर्गा का महाकाल रौद्र रूप प्रकट हो जाता है.फलत: माता की बंगाली पूजन विधि में कोई बदलाव करने का जोखिम उठाना मुनासिब नहीं समझते हैं. यहां के पूजा मंदिर भी स्थायी है. इस बीच किऊल स्थित रेलवे इंस्टीच्यूट मां दुर्गा प्रतिमा की 75 वां प्लैटिनम जुबली समारोह की शानदार आयोजन के लिए रेनबो सजावट एवं सोनू मुस्कान एंड ग्रुप व वृंदावन सीता एंड ग्रुप की ओर से अलग अलग पूजा आयोजन सचिव नवल कुमार मंडल की देखरेख में 10 एवं 11 अक्तूबर को सांस्कृतिक भजन एवं जागरण संध्या का आयोजन किया गया है.
प्रतिमा विसर्जन के अवसर पर कोलकाता के मशहूर झांकियों की टीम द्वारा हाथी, घोड़ा, पालकी के साथ विदाई समारोह किया जायेगा.इस बीच पूजा आयोजन समिति के दिनेश झा, रमेश कुमार, अरुण कुमार, रामजी पंडित, मनोज पासवान, रामाकांत यादव, मोहन मंडल एवं संरक्षक पुलिस इंसपेक्टर सुबोध कुमार की ओर से इस हीरक जयंती समारोह को अभूतपूर्व बनाने की सारी तैयारियां परवान पर कायम है. इस वर्ष दुर्गा पूजा शारदीय नवरात्र पूजन आगामी 1 अक्तूबर से 11 अक्टूबर तक आयोजित किया जायेगा.
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