लखीसराय : सदर प्रखंड क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का घोर अभाव है. शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने का असर यहां नहीं दिख रहा है. विभागीय अधिकारी भी अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं. यही कारण है कि कहीं विद्यालय बंद रहने, कही देर से खुलने,फरजी उपस्थिति सहित कई शिकायतें मिलती रहती […]
लखीसराय : सदर प्रखंड क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का घोर अभाव है. शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने का असर यहां नहीं दिख रहा है. विभागीय अधिकारी भी अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं. यही कारण है कि कहीं विद्यालय बंद रहने, कही देर से खुलने,फरजी उपस्थिति सहित कई शिकायतें मिलती रहती हैं.
बच्चों को अच्छी शिक्षा व्यवस्था को लेकर विभागीय स्तर पर विद्यालय के कार्य व दायित्व निर्धारित है. विद्यालय समय से खुलने व बंद करने को ले पूर्वाह्न 30 मिनट का चेतना सत्र का पालन होना चाहिये. समय सारिणी दीवार व बोर्ड पर अंकित होनी चाहिये.
बच्चों की उपस्थिति व अनुपस्थिति की सूचना पट पर नियमित दर्ज होना चाहिये. कक्षा एक के लिये एक विशेष शिक्षक नामित होना चाहिए व कक्षा दो से चार तक के लिए भाषा व गणित को पढ़ानेवाले शिक्षक भी नामित होना चाहिये. बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तक कहानी की किताबें, खेल सामग्री के अलावे अधारभूत संरचना का होना आवश्यक है. वहीं शिक्षकों को भी अनुपस्थित नहीं रहने, वर्ग कक्षा में टीएलएम व एलएफएम का उपयोग करने, मित्रवत व्यवहार सहित कई कार्य हैं. लेकिन विद्यालयों की स्थिति पर नजर डालेंगे तो कही भी इसका पालन होते नहीं दिख रहा है.
ग्रामीणों के अनुसार विद्यालय में कार्य व दायित्व का निर्वहन नहीं हो पा रहा है. अगर सही रूप में अधिकारी, शिक्षक व विद्यालय प्रधान अपने कार्य व दायित्व का निर्वहन करें तभी शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा. अभिभावकों को भी अपने दायित्वों को समझते हुए विद्यालय से जुड़ना आवश्यक है.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में बीइओ राम विलास प्रसाद ने बताया कि पूर्व की तुलना में अभी विद्यालयों में काफी सुधार हुआ है. विद्यालय के कार्य व दायित्व का शत-प्रतिशत अनुपालन कराने को लेकर निरंतर प्रयास जारी है.