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किऊल नदी पर पुल निर्माण को आवाज बुलंद

लखीसराय : किऊल नदी पर बनने वाली पुल को लेकर लोगों की उतावलापन बढ़ने लगा है तथा जिला प्रशासन से इस दिशा में जल्द कार्य करवाने की मांग भी उठने लगी है. किऊल एवं लखीसराय के पुल एवं अन्य नये कंस्ट्रक्शन को देखकर लोगों की बेचैनी बढ़ती जा रही है. कभी रेलवे पुल का प्लेट […]

लखीसराय : किऊल नदी पर बनने वाली पुल को लेकर लोगों की उतावलापन बढ़ने लगा है तथा जिला प्रशासन से इस दिशा में जल्द कार्य करवाने की मांग भी उठने लगी है. किऊल एवं लखीसराय के पुल एवं अन्य नये कंस्ट्रक्शन को देखकर लोगों की बेचैनी बढ़ती जा रही है. कभी रेलवे पुल का प्लेट हटाने एवं चढ़ाने को लेकर लोगों के बीच नया-नया शगुफा पनप रही है. खासकर चानन, सूर्यगढ़ा एवं लखीसराय के लोगों को किऊल नदी पर पुल निर्माण होने से दूरियां मिट जायेगी.

अभी तक लोग रेलवे पुल पर अनाधिकृत रूप से किऊल नदी पार कर किऊल आवागमन करते हैं, जिस कई बार रेलवे के द्वारा बाधा भी पहुंचायी जा चुकी है. ऐसी स्थिति में किऊल रेलवे पुल के बगल में विगत वर्ष पथ वे पुल निर्माण की बिहार सरकार के कैबिनेट से मंजुरी मिलने के बाद लोगों में पुल निर्माण की आस जगी थी. हालांकि इस दिशा में अभी तक पहल शुरू नहीं की गयी है.
जिसको लेकर शहर के बुद्धिजीवियों एवं विभिन्न समिति के सदस्यों ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. किऊल विकास समिति के सचिव सुरेश सिंह ने कहा कि बिहार सरकार को इस पुल निर्माण में अपनी ओर से सक्रियता दिखानी चाहिए, जो अभी तक सामने परिलक्षित नहीं दिख रही है.
जिसके कारण लोगों में उदासीनता छाती जा रही है. पुल निर्माण हो जाने से रेलवे पुल का लोगों को सहारा नहीं लेना पड़ेगा. पटेल ग्रामीण उत्थान केंद्र के सचिव नवल कुमार का कहना है कि सरकार ने लोगों की समस्या समझते हुए इसे मंत्रालय से पास कराकर स्वीकृति देते हुए आवंटन राशि भी आवंटन कर चुकी है. इसके अलावा मिट्टी जांच भी कराया गया है.
इसके निर्माण की प्रक्रिया भी यदि जल्द प्रारंभ हो तो लोगों को राहत मिलेगा. लोजपा नेता मनोज पासवान ने कहा कि पुल निर्माण हो जाने से चानन, सूर्यगढ़ा एवं लखीसराय के हजारों लोगों के लिए जिला मुख्यालय की दूरियां कम हो जायेगी.
वहीं राजद नेता रामईश्वर यादव ने कहा कि किऊल नदी में पथला घाट से गायत्री मंदिर तक बनने वाला पुल का मामला अधर में लटका हुआ है. दो विधानसभाओं की जनता की असुविधा पर यहां के बड़े-बड़े मंत्री व सांसद को भी ध्यान देना चाहिए. सरकार में रहकर भी ऐसे कार्य नहीं करा पाना दुखद पहलु है.
समाज सेवी श्रवण मंडल ने कहा कि किऊल से लखीसराय पैदल जाने के लिए रेलवे पुल लोगों के लिए अधिकृत नहीं है, लोग गैरकानूनी रूप से ही पैदल पुल पार करते हैं. ऐसे में बिहार सरकार के जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी पुल निर्माण में अपनी तत्परता दिखायें तो यहां के लोग उनके सदा अभारी रहेंगे. अविनाश पटेल ने कहा कि पुल निर्माण को लेकर अब युवाओं को आगे आकर सरकार व स्थानीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराना होगा.

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