दिघलबैंक
. प्रखंड अंतर्गत हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं ने पूरे भक्ति-भाव और उत्साह के साथ किया. यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के अटूट प्रेम व समर्पण का प्रतीक माना जाता है. इस अवसर पर महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर माता पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की, ताकि सौभाग्य और अखंड सुहाग का आशीर्वाद प्राप्त हो. स्थानीय पंडित अभिनंदन झा ने पूजा के दौरान इस पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हरतालिका तीज नारी के समर्पण और विश्वास का प्रतीक है. उन्होंने कहा, “यह व्रत न केवल वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि लाता है, बल्कि भगवान शिव और माता पार्वती के प्रति अटूट श्रद्धा को भी दर्शाता है. क्षेत्र की महिलाओं ने सुबह से ही पूजा की तैयारियों में जुटकर मंदिरों और घरों में माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्तियों को सजाया. पूजा स्थलों पर भक्ति भजनों की गूंज सुनाई दी. कई स्थानों पर सामूहिक पूजा का आयोजन भी किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया. इस पर्व के दौरान महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सज-संवरकर व्रत का पालन किया और सायंकाल में पूजा-अर्चना के बाद व्रत खोला.स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक एकता को भी बढ़ावा देता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

