ठाकुरगंज. आखिरकार प्रशासन ने सूझबूझ के साथ विवादित जमीन पर आदिवासी समुदाय के कब्जे को प्रशासन ने 24 घंटे के भीतर हटा दिया. अपने को भूमिहीन बताने वाले आदिवासियों को जल्द ही बसगीत पर्चा देने की बात पर आदिवासियों ने रविवार से कब्ज़े को सोमवार देर शाम को हटाया. अंचल अधिकारी मृत्युंजय कुमार ने बताया कि आदिवासी समुदाय के लोग भूमिहीन हैं और उन्हें आवास के लिए जगह की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सरकार के नियमानुसार सभी भूमिहीन आदिवासी परिवारों को बासगीत भूमि उपलब्ध कराई जाएगी. किसी भी परिवार को बेघर नहीं किया जाएगा, लेकिन सरकारी और निजी भूमि पर अवैध कब्जा करने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी. आदिवासियों और प्रशासन के बीच समझौता अंचलाधिकारी के कार्यालय कक्ष में हुआ. इस दौरान अंचलाधिकारी ने बताया कि नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र के करीब 70 भूमिहीन आदिवासी परिवारों का नाम सूचीबद्ध किया गया. जिन्हें आवश्यक कागजातों व विभागीय नियमानुसार भूमिहीनों को बासगीत पर्चा उपलब्ध करा दिया जाएगा. इस कार्रवाई में एसडीपीओ टू मंगलेश कुमार सिंह, ठाकुरगंज थानाध्यक्ष मो. मकसूद आलम अशरफी, बीडीओ अहमर अब्दाली राजस्व अधिकारी राहुल कुमार सहित कई पदाधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वहीं सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर चुरली पंचायत के सरपंच राजीव कुमार पासवान, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति व आदिवासी नेता किशन बाबू पासवान, सरकार मरांडी, सुनील हेमब्रम, रवि लाल सोरेन राज मरांडी ने भी प्रशासन को सहयोग किया और समुदाय को समझाने में सक्रिय भूमिका निभाई.
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