पहाड़कट्टा. बिहार पशु चिकित्सा सेवा में पदस्थापित पशु चिकित्सकों के लिए एनेस्थीसिया विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर आयोजितकार्यशाला में जिले के 15 पशु चिकित्सकों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम का आयोजन पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ चंद्रहास के दिशा-निर्देश में पशु चिकित्सा नैदानिक परिसर द्वारा किया गया. कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए डॉ चंद्रहास ने प्रतिभागियों से अपील की कि वे निश्चेतना से संबंधित नवीनतम तकनीक एवं ज्ञान का प्रयोग दर्द-रहित एवं पशु कल्याण के अनुरूप शल्य चिकित्सा करने में करें. आयोजक सचिव डॉ आनंद मोहन ने बताया कि शल्य चिकित्सा के दौरान पशुओं को बेहोश करना एक बहुत ही आवश्क प्रक्रिया है. इसके दौरान निश्चेतना से संबंधित दवाइयों की उपयुक्त मात्रा एवं सही जगह पर इस्तेमाल करना अत्यंत आवश्यक है. इस कार्यशाला में डॉ कुमारी चंद्रकला, डॉ ममता मिश्रा, डॉ मनीष आर्या एवं डॉ नीलम कुशवाहा द्वारा पालतू एवं जंगली पशुओं में बेहोशी की दवा देने से संबंधित विषय वस्तु की जानकारी दी गई एवं इसके उपयोग की संपूर्ण विधि को प्रायोगिक रूप से प्रदर्शित किया गया. कार्यक्रम संयोजक ने बताया की कार्यशाला के उपरांत प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र दिया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

