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गैर संचारी रोग समय पर न पहचाने जाएं तो बन सकते हैं मौत का कारण

आज की बदलती जीवनशैली और असंतुलित खानपान ने गैर संचारी रोगों (एनसीडी) को गांव-गांव तक पहुंचा दिया है. मधुमेह, रक्तचाप, हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियां अब चुपचाप लोगों की ज़िंदगी पर कब्ज़ा जमा रही हैं.

हर गुरुवार स्वास्थ्य संस्थानों पर चल रही है विशेष मुहिम, आज भी हुए व्यापक जांच और उपचार के कार्य

हर गुरुवार का दिन केवल जाँच का नहीं, बल्कि जीवन की सुरक्षा का दिन है.

किशनगंज.आज की बदलती जीवनशैली और असंतुलित खानपान ने गैर संचारी रोगों (एनसीडी) को गांव-गांव तक पहुंचा दिया है. मधुमेह, रक्तचाप, हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियां अब चुपचाप लोगों की ज़िंदगी पर कब्ज़ा जमा रही हैं. कई बार यह रोग तब सामने आते हैं जब स्थिति गंभीर हो चुकी होती है. यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें लेकर विशेष सतर्कता अभियान शुरू किया है. इसी क्रम में जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में हर गुरुवार आयोजित होने वाला स्थिर गैर संचारी रोग दिवस ” अब लोगों के लिए सेहत की रक्षा का एक अहम अवसर बन चुका है.

आज भी सभी स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर हुआ आयोजन

जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए आज भी जिले के सभी स्वास्थ्य हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्थिर दिवस सेवाओं का आयोजन किया गया. इस दौरान ग्रामीणों की रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर सहित अन्य आवश्यक जांचें की गईं और उन्हें मुफ्त दवाएँ तथा परामर्श उपलब्ध कराया गया. इस अवसर पर गैर संचारी रोगों की जांच और फॉलोअप पर विशेष ध्यान दिया गया.

गांव-गांव में जागरूकता बढ़ रही है- डॉ उर्मिला कुमारी

आयोजन का निरीक्षण जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने किया. उन्होंने कहा कि आज की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि लोग बिना लक्षणों के भी गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं. हर गुरुवार की स्क्रीनिंग से अब यह संभव हो पा रहा है कि समय रहते पहचान कर इलाज शुरू किया जाए. गांव-गांव में जागरूकता बढ़ी है और लोग खुद जांच कराने आगे आ रहे हैं.

समय रहते जांच कराना ही सबसे बड़ी बचाव की रणनीति है-सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा की गैर संचारी रोग छुपकर जीवन को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. मधुमेह और रक्तचाप की अनदेखी आगे चलकर घातक साबित होती है. यही कारण है कि राज्य सरकार ने हर गुरुवार को एनसीडी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. इस दिन जांच, उपचार, दवा वितरण और फॉलोअप की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे स्वेच्छा से स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचकर जांच कराये और नियमित रूप से दवा लें.

स्वास्थ्य सबसे बड़ा निवेश है-जिलाधिकारी

इस अभियान को लेकर जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा की सरकार का उद्देश्य सिर्फ इलाज देना नहीं, बल्कि लोगों को समय रहते बीमारियों से बचाना है. यदि हम गंभीर बीमारियों को शुरुआती अवस्था में पहचान लें तो न सिर्फ जीवन सुरक्षित रहेगा, बल्कि आर्थिक बोझ भी कम होगा. स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा निवेश है, इसलिए हर व्यक्ति को इसमें भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए.

सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने आमजनों के लिए दिए विशेष संदेश

यदि आपकी उम्र 30 वर्ष से अधिक है, तो हर गुरुवार नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र ज़रूर जाएं. सिर दर्द, थकान, चक्कर आना या अचानक वजन बढ़ना-घटना जैसी छोटी समस्याओं को नज़रअंदाज़ न करें. समय पर जांच और नियमित दवा से गंभीर बीमारियों को रोका जा सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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