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एड्स को रोकने में सरकार, स्वास्थ्यकर्मी व भूमिका अहम: सीएम

-वर्तमान वर्ष 2025–26 में जनवरी से नवंबर तक 83 हजार 983 लोगों की जांच की जा चुकी है, जिनमें 161 लोग पॉजिटिव पाए गए

-वर्तमान वर्ष 2025–26 में जनवरी से नवंबर तक 83 हजार 983 लोगों की जांच की जा चुकी है, जिनमें 161 लोग पॉजिटिव पाए गए

किशनगंज

विश्व एड्स दिवस समाज को याद दिलाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है. एचआइवी- एड्स केवल स्वास्थ्य का मुद्दा नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी, जागरूकता और संवेदनशीलता से जुड़ा एक व्यापक विषय है. इस वर्ष की थीम वैश्विक एकजुटता, साझा जिम्मेदारी ठीक इसी संदेश को सामने लाती है कि एड्स को रोकने में सरकार, स्वास्थ्यकर्मी, समाज और हर नागरिक की समान भूमिका है. सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने कहा कि जिले के आंकड़े बताते है कि वर्ष 2022–23 में 67 हजार 709 लोगों की जांच की गई, जिनमें 265 लोग एचआइवी पॉजिटिव पाए गए थे. इसके बाद वर्ष 2023–24 में टेस्टिंग बढ़कर 75 हजार 761 हो गई और पॉजिटिव मामले घटकर 201 रह गए. वर्ष 2024–25 में 82 हजार 934 लोगों की जांच में 145 लोग संक्रमित मिले. वहीं वर्तमान वर्ष 2025–26 में जनवरी से नवंबर तक 83 हजार 983 लोगों की जांच की जा चुकी है, जिनमें 161 लोग पॉजिटिव पाए गए है. यह स्थिति बताती है कि जिले में टेस्टिंग बेहतर हुई है, लेकिन संक्रमण का प्रसार अभी भी चिंता का विषय है. विश्व एड्स दिवस इसी चेतावनी और जागरूकता को व्यापक बनाने का अवसर देता है.

एचआइवी कैसे फैलता है, क्यों जरूरी है सतर्कता

सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई या सिरिंज का उपयोग, असुरक्षित रक्त चढ़ाना और संक्रमित मां से बच्चे में संक्रमण फैलता है. उन्होंने कहा कि हमेशा सुरक्षित यौन संबंध बनाएं, कंडोम का प्रयोग करें, किसी की सिरिंज या ब्लेड साझा न करे. गर्भवती महिलाएं एचआइवी जांच अवश्य कराएं. यही संक्रमण रोकथाम की सबसे प्रभावी रणनीति है. एचआइवी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है, जिससे टीबी, कैंसर, दोहराए जाने वाले संक्रमण और गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

लक्षणों की अनदेखी न करे, जांच ही पहला कदम है

सीएम ने बताया कि लगातार बुखार, वजन में कमी, रात में पसीना आना, त्वचा पर चकत्ते, खांसी का लंबे समय तक रहना या बगल-गले में सूजन. ये सभी संकेत एचआइवी संक्रमण की ओर इशारा कर सकते है. उन्होंने कहा कि लक्षण दिखने पर घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत जांच कराएं. समय पर पता चल जाने से इलाज शुरू किया जा सकता है और व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है.

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