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हर गुरुवार को सेहत की रक्षा के लिए होगा स्वास्थ्य जांच

गांव-गांव में पहुंची स्वास्थ्य सेवाएं, जांच, दवा और परामर्श से बढ़ी लोगों की जागरूकता

गांव-गांव में पहुंची स्वास्थ्य सेवाएं, जांच, दवा और परामर्श से बढ़ी लोगों की जागरूकता

किशनगंज

बीमारी जब तक दिखती है, तब तक अक्सर देर हो चुकी होती है. पर यदि समय रहते जांच हो जाए, तो ज़िंदगी की दिशा बदल सकती है. ऐसे में ज़रूरत है कि हम बिना लक्षणों के भी जांच कराएं, जागरूक बनें और समय रहते इलाज की दिशा में कदम बढ़ाएं. इसी उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक अनोखी पहल की गई है जिसमें हर गुरुवार जिले के हर गांव, हर मोहल्ले में लोगों के दरवाज़े तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं. इस अभियान का नाम है स्थिर गैर संचारी रोग दिवस. यह सिर्फ़ एक दिन नहीं, बल्कि एक ऐसा माध्यम है जो लाखों लोगों को गंभीर रोगों से पहले ही बचा सकता है. आइए जानते हैं कि आज इस अभियान के अंतर्गत जिले में क्या हुआ, लोगों को क्या लाभ मिला और क्या है इसका भविष्य गंभीर और लंबे समय तक चलने वाले रोग जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय की बीमारी और कैंसर जैसी बीमारियों की पहचान अब समय रहते हो सकेगी. इसके लिए हर गुरुवार जिले के सभी स्वास्थ्य उपकेंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्थिर गैर संचारी रोग दिवस का आयोजन किया जा रहा है.

स्वास्थ्य जागरूकता का सशक्त माध्यम है यह अभियान सिविल सर्जन

इस अभियान को लेकर सिविल सर्जन डॉ. राजकुमार चौधरी ने कहा कि गंभीर बीमारियां अक्सर चुपचाप शरीर में घर कर लेती हैं. ऐसे में नियमित जांच, परामर्श और समय पर इलाज ही इसका सबसे सशक्त उपाय है. हर गुरुवार को चलाए जा रहे इस कार्यक्रम से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सशक्त हो रही है. इस दिन जनसंख्या का आंकलन, सीबीएसी प्रपत्र भरना, पहली बार तथा दोबारा रोग की जांच, चिकित्सीय सलाह, दवा वितरण और आगे की निगरानी जैसे सभी कार्य एक ही स्थान पर उपलब्ध कराए जाते हैं.

आज के आयोजन की निगरानी करने हेतु गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा किया और मौके पर उपलब्ध सुविधाओं तथा कार्यों का जायज़ा लिया. उन्होंने बताया कि लोग अब अपनी सेहत को लेकर अधिक सजग हो रहे हैं. यह बदलाव स्वास्थ्य कर्मियों और सरकार की संयुक्त मेहनत का परिणाम है. ऐसे कार्यक्रम लोगों को समय रहते रोग पहचानने और उसे नियंत्रित करने में मदद करते हैं.

प्रपत्र भरने से लेकर डिजिटल आंकड़े अपलोड तक की समुचित व्यवस्था

गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि हर लाभार्थी की जानकारी सीबीएसी प्रपत्र में दर्ज की जाती है और उसे संबंधित पोर्टल पर भेजा जाता है ताकि राज्य और केंद्र स्तर पर सटीक आंकड़ों के आधार पर नीति बनाई जा सके. इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि पहली बार की जांच के बाद आवश्यकतानुसार पुनः जांच और उपचार की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए.

कई ग्रामीणों ने पहली बार अपना रक्तचाप और रक्त शर्करा की जांच करवाई. उनमें से कई को बिना लक्षण के भी उच्च रक्तचाप और मधुमेह की पहचान हुई. ठाकुरगंज निवासी 45 वर्षीय रेणु देवी ने बताया कि पहले कभी अस्पताल नहीं गई थी. आज जब आशा दीदी बुलाकर लाई तो पता चला कि मुझे मधुमेह है. अब दवा भी मिली और हर गुरुवार दोबारा जांच भी होगी. राज्य सरकार के निर्देश पर अब हर गुरुवार को गैर संचारी रोग से जुड़ी सेवाएं हर उपकेंद्र और स्वास्थ्य केंद्र पर अनिवार्य रूप से दी जाएगी.

रक्तचाप या हृदय रोग का इतिहास है, तो गुरुवार को नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र ज़रूर जाए

गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने लोगों से अपील की है कि यदि आपकी उम्र 30 वर्ष से अधिक है, यदि आपको बार-बार सिर दर्द, चक्कर या थकावट महसूस होती है, यदि आपके परिवार में मधुमेह, रक्तचाप या हृदय रोग का इतिहास है, तो गुरुवार को नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र ज़रूर जाएं. यह दिन आपके जीवन को सुरक्षित कर सकता है.

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